पटना: बिहार विधान सभा चुनाव की 243 सीटों के लिए जारी वोटों की गिनती 230 सीटों के रुझान आ चुके हैं. महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. कभी महागठबंधन तो कभी एनडीए आगे हो रहा है.
शुरुआत में महागठबंधन ने डीएनए पर अच्छी खासी बढ़त बनाई थी. एनडीए ने कमबैक करते हुए 123 सीटों पर बढ़त बना ली है. रुझानों में पहली बार NDA को बहुमत मिल गया है. महागठबंधन 109 सीटों पर सिमट गया है. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब है. यही वजह है कि महागठबंधन अपनी बढ़त खोता जा रहा है.
तेजस्वी आगे, तेजप्रताप पीछे
महागठबंधन के प्रमुख चेहरे तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से आगे चल रहे हैं. तेजस्वी यादव ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था. हालांकि उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव अब हसनपुर सीट से पीछे चल रहे हैं. 1365 वोट से तेज प्रताप पीछे चल रहे हैं. जेडीयू के राजकुमार से उनका मुकाबला है. इसके अलावा,, पूर्णिया सदर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी विजय खेमका 1663 वोट से आगे हैं. धमदाहा विधानसभा से जेडीयू की लेसी सिंह, कसबा विधानसभा से कांग्रेस के अफाक आलम वोट, रुपौली विधानसभा से जेडीयू की बीमा भारती आगे हैं.
नीतीश का भविष्य दांव पर
बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान हर दौर में नीतीश ने अपने सुशासन की दुहाई दी और जनता से समर्थन मांगा लेकिन जमीनी हकीकत का शायद उन्हें एहसास चरण दर चरण और रैली दर रैली होने लगा था, तभी तो आखिरी चरण में नीतीश ने आखिरी दांव खेला. नीतीश कुमार के इस बयान के आते ही राजनीतिक पंडितों ने इसके मायने तलाशना शुरू किया. किसी ने इसे आखिरी चरण से जोड़ा, किसी को ये संन्यास का ऐलान लगा तो किसी को इसमें सहानुभूति वाली सियासत नजर आई थी. कई बार तो ऐसा लगा कि जैसे नीतीश थक चुके हैं.
ओवैसी की पार्टी दो सीटों पर आगे
बिहार विधान सभा चुनाव के लिए जारी वोटों की गिनती में असुद्दीन ओवैसी की पार्टी फिलहाल दो सीटों पर आगे चल रही है. बीएसपी भी एक सीट पर बढ़त बनाए हैं. एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वाम दल 14 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं.