मशहूर निर्माता-निर्देशक एकता कपूर अक्सर अपनी फिल्मों, टीवी सीरियल्स और वेब सीरीज को लेकर विवादों में रहती हैं। उनकी वेब सीरीज ट्रिपल एक्स का सीजन 2 कापी समय से विवादों में है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित होने वाली इस वेब सीरीज के विवादित दृश्यों को लेकर दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए एकता कपूर की याचिका को खारिज कर दी है। उऩके खिलाफ इस मामले में वेब सीरीज के प्रसारण के जरिए अश्लीलता, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के अपमान का आरोप है।
एकल पीठ ने फैसले में कहा, ‘यूं लगता है कि मुकदमे के तथ्य ऐसे नहीं हैं कि अदालत सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कम से कम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 व 67-ए और भारतीय दंड विधान की धारा 294 (अश्लीलता) के तहत दर्ज प्राथमिकी रद्द कर सकती है।’ हालांकि कोर्ट ने वेब सीरीज के जरिए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के अनुचित इस्तेमाल को लेकर एफआईआर में लगाए गए आरोपों से एकता कपूर को राहत दी .
एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘हालांकि, यह कहना पर्याप्त रूप से ठीक होगा कि मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और भारत के राजकीय प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं पाया गया है।’ गौरतलब है कि एकता कपूर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उनके खिलाफ शहर की अन्नपूर्णा पुलिस में पांच जून को दर्ज एफआईआर में लगाए गए आरोपों को गलत बताया था। साथ ही कोर्ट से गुहार की थी कि इस मामले को रद्द किया जाए।
बता दें कि एकता कपूर के खिलाफ यह एफआईआर दो स्थानीय बाशिंदों-वाल्मीक सकरगाये और नीरज याग्निक की शिकायत पर भारतीय दंड विधान की धारा 294 (अश्लीलता) और 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम एवं भारत के राजकीय प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में एकता कपूर के स्थापित ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज ट्रिपल एक्स के सीजन 2 के जरिए समाज में अश्लीलता फैलाई गई। साथ ही एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत की गईं। वेब सीरीज के एक सीन में भारतीय सेना की वर्दी को बेहद आपत्तिजनक तौर पर पेश करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों का अपमान किया गया.