नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। वित्तमंत्री ने कहा कि मजबूत रिकवरी की सीन दिख रही है क्योंकि कोरोना के मामले कम हो रहे हैं और मौत की दरें भी कम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी की खपत में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की बढ़त हुई है। जबकि सालाना आधार पर रेलवे के किराए में रोजाना 20 प्रतिशत की ग्रोथ दिख रही है। बैंक क्रेडिट 23 अक्टूबर तक सालाना आधार पर 5.10 प्रतिशत सुधरी है। शेयर बाजार इस समय रिकॉर्ड उंचाई पर है। उन्होंने तीसरे आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा भी की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का LIVE अपटेड
- वित्तमंत्री ने नए राहत और इंसेटिव की घोषणा की है ताकि देश में कोविड-19 की रिकवरी से निपटने में मदद मिल सके। मई 2020 से जो भी राहत केंद्र सरकार ने दी है, उस राहत के प्रदर्शन का रिव्यू भी किया जा रहा है।
- वित्तमंत्री ने कहा कि फॉरेन एक्सचेंज 560 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि GST कलेक्शन अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। एफडीआई का निवेश अप्रैल से अगस्त के दौरान 35.37 अरब डॉलर रहा है जो सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की बढ़त दिखा रहा है।
- मुख्य अर्थशास्त्रियों ने यह सुझाव दिया है कि री-बाउंड न केवल मांग से आएगा, बल्कि मजबूत आर्थिक बढ़त से भी आएगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में पीएमआई बढ़कर 58.9 पर पहुंच गई है। जो सितंबर में 54.6 पर थी।
- GST का ज्यादा कलेक्शन, एनर्जी में बढ़ रही खपत और मजबूत मार्केट के प्रदर्शन सुधार के कुछ संकेतों में से हैं। पिछले 10-15 दिनों से इकोनॉमी रिकवरी दिख रही है। सीपीआई ने मजबूत रिकवरी दिखाई है।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान-1 के तहत कुछ पॉइंट पर प्रोग्रेस दिख रही है। इसमें वन नेशन वन राशन कार्ड प्रमुख है। इसे एक सितंबर से लागू किया गया था। अब तक 68.6 करोड़ लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
- इंट्रा स्टेट पोर्टिबिलिटी के तहत 1.5 करोड़ मासिक लेन देन इसके तहत हुए हैं। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स योजना में 26.62 लाख लोन एप्लिकेशन मिले हैं। जिसमें से 13.78 लाख लोन एप्लिकेशन के तहत 1,373.22 करोड़ रुपए की मंजूरी 30 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में दी गई है।
- अब तक किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 183 लाख एप्लिकेशन मिली हैं। बैंकों ने इसके तहत 150 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया है। इससे 2.5 करोड़ किसानों को क्रेडिट में तेजी आएगी। बैंक ने दो चरणों में 1,43,262 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 21 राज्यों ने कुल 1,681.32 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है। इसके साथ ही किसानों को नाबार्ड के जरिए 25 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त वितरण किया गया है। यह इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंडिंग है।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान-1 के तहत वन नेशन वन राशन स्कीम में राशन कार्ड की पोर्टिबिलिटी का लाभ 68.6 करोड़ लोगों ने उठाया है। इंटरस्टेट पोर्टिबिलिटी 28 राज्यों में लागू की गई है। हर महीने एक करोड़ लेन-देन (ट्रांजेक्शन) हो रहे हैं। प्रवासी कामगारों के लिए एक पोर्टल की भी शुरुआत की गई है।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान-1 के तहत ECLGS में 2.05 लाख करोड़ रुपए की मंजूरी हुई है। इसमें 61 लाख लोगों को कवर किया गया है। 1.52 लाख करोड़ रुपए का डिस्बर्समेंट हुआ है। पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्कीम-2 के तहत सरकारी बैंकों ने 26,889 करोड़ रुपए के पोर्टफोलियो की खरीदी की है।
- एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम के तहत 7,227 करोड़ रुपए का डिस्बर्समेंट किया गया है। डिस्कॉम के लिए लिक्विडिटी इंजेक्शन के रूप में 118,273 करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दी गई है। इसके तहत 31,136 करोड़ रुपए डिस्बर्समेंट किए गए हैं।
- आत्मनिर्भर भारत-2 की बात करें तो यह 12 अक्टूबर को घोषित किया गया था। इसके तहत फेस्टिवल एडवांस लॉन्च किया गया था। इसमें एसबीआई उत्सव कार्ड को वितरित किया गया था। एलटीसी वाउचर स्कीम को लॉन्च किया गया था। 11 राज्यों ने 3,621 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई है। यह इंटरेस्ट फ्री लोन है।
- वित्तमंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रिफंड के तहत 39.7 लाख टैक्सपेयर्स को 132,800 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) को 31 मार्च 2019 को अमल में लाया गया था। इसके तहत नए रोजगार के निर्माण करने और इंसेंटिव देने की बात कही गई थी। इसके तहत कुल 1.21 करोड़ लोगों को 8,300 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना नाम से एक नई स्कीम लॉन्च की गई है। इसके तहत नए रोजगार के अवसर के लिए इंसेंटिव दिया जाएगा। यह अवसर कोविड रिकवरी के चरण में होना चाहिए। इस स्कीम के तहत जिनको लाभ मिलेगा उनमें अगर कोई नया कर्मचारी ईपीएफओ में रजिस्टर्ड कंपनियों में जुड़ता है और उसका मासिक वेतन 15 हजार रुपए से कम है तो उसे इसका फायदा होगा।
मुश्किल वाले सेक्टर्स पर होगा फोकस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार मुश्किल वाले सेक्टर्स पर फोकस करेगी। इसके जरिए वह अर्थव्यवस्था को उबारने की कोशिश करेगी। कैबिनेट ने बुधवार को ही बैठक में 10 सेक्टर्स में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) लागू करने की मंजूरी दे दी है। PLI के तहत अगले 5 सालों में 1.46 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, 57 हजार करोड़ रुपए की अधिकतम इंसेंटिव हासिल करने वाले सेक्टर्स में ऑटो कंपोनेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर्स हो सकते हैं।
इसके अलावा, जिन सेक्टर्स को इसका फायदा होगा, उनमें एडवांस सेल केमिस्ट्री, बैटरी, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स और व्हाइट गुड्स शामिल हैं। इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार एक्स्ट्रा प्रोडक्शन पर कंपनियों को इंसेंटिव्स और उन्हें एक्सपोर्ट करने की भी मंजूरी देगी। पिछले महीने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने ऐलान किया था कि सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स लेकर आएगी ताकि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स को सपोर्ट किया जा सके।
उन्होंने कहा था कि PLI स्कीम का मकसद देश में पैसा लगाने वाले निवेशकों को इनसेंटिव्स देना है, ताकि घरेलू कंपनियों को भी दुनिया के बराबर लाया जा सके।
कर्मचारी के पीएफ का 10% हिस्सा सरकार देगी
जो नए कर्मचारी होंगे, उनके पीएफ का 10% हिस्सा सरकार देगी और कर्मचारी के लिए जो एम्प्लॉयर का योगदान होता है, उसमें भी सरकार 10% हिस्सा देगी। इसको सरकार प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत नए रूप में पेश कर सकती है।