नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) दीवाली के बाद इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में दो और टीमों का टेंडर बढ़ा रहा है, लेकिन फ्रैंचाइजी कई नए सवालों और मांगों के साथ तैयार हैं. खिलाड़ियों की अगली नीलामी में आईपीएल 2021 ऑक्शन के विशाल होने की उम्मीद है. फ्रैंचाइजीज की चिंता यह है कि अगर टीमें 8 से 10 की जाती हैं तो किस तरह क्वालिटी दल बन पाएगा. कुछ टीमें पहले ही इस बात के लिए संघर्ष कर रही हैं कि स्क्वाड में विदेशी खिलाड़ियों की भागीदारी पर लगे नियमों की वजह से टीम योग्य भारतीय खिलाड़ियों को नहीं चुन पा रही है.
आईपीएल के नियम के मुताबिक, हर टीम को कम से कम 8 विदेशी खिलाड़ी अपने दल में रखने हैं. इनमें से केवल चार प्लेइंग इलेवन में खेल सकते हैं. यदि टीमों की संख्या 8 से 10 हो जाती है तो टीमों को क्वालिटी प्लेयर चुनने में और मुश्किल होगी. टीमें अभी से क्वालिटी खिलाड़ियों की जगह सुनिश्चित नहीं कर पा रही हैं. यदि हम अधिकांश आईपील टीमों के दल को देखें तो सात से नौ खिलाड़ी लगभग तय होते हैं, हर टीम दो से तीन खिलाड़ियों को रोटेट करती है.
आईपीएल में यदि 8 से 10 फ्रैंचाइजी कर दी जाएंगी तो प्रतिभाशाली खिलाड़ी और कम हो जाएंगे. 8 टीमों में अभी भी कुछ क्वालिटी खिलाड़ियों का स्तर बना हुआ है. यदि इसी पूल में से दो टीमें और बनाई जाएंगी तो तो क्या क्वालिटी की कोई गारंटी होगी. मौजूदा टीमें यही सवाल पूछ रही हैं. ऐसे में बीसीसीआई ने कहा है कि प्लेइंग इलेवन में विदेशी खिलाड़ी चार से पांच किए जा सकते हैं. इस कदम से समस्या हल हो जाएगी.