कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सभी छात्रों को क्लास लेने की अनुमित मिलेगी। ध्यान देने वाली यह बात है कि कॉलेज जाने से पहले सभी छात्रों को कोरोना नेगेटिव टेस्ट की रिपोर्ट दिखानी होगी। बिना कोरोना टेस्ट कराए किसी भी छात्र को कॉलेज में अनुमति नहीं मिलेगी। एसटी जोसेफ कॉलेज की एक छात्रा, रितिका ने बताया कि उन्होंने कॉलेज ज्वाइन करने से पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट जमा करा दी है। रितिका ने कहा कि फिर से कॉलेज खुलने पर वह खुश भी हैं, लेकिन संक्रमण के चलते तनाव में भी हैं।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कोरोना टेस्ट 72 घंटे में कराया गया हो कोई भी पूरान कोरोना टेस्ट नहीं चलेगा। कॉलेज खोलने के साथ ही नियम और एहतियात बरतने के लिए कॉलेज प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है। कोरोना टेस्ट के अलावा सभी छात्रों को फेस पर मास्क लगाना होगा। छात्रों के साथ-साथ टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि राजधानी बेंगलुरु में करीब 432 के आस-पास कॉलेज है,जिसमें से 60 हजार स्टेूडेंस टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ है। माना जा रहा है कि शुरुआत में कॉलेज फिस से ज्वाइन करने वाले छात्रों में 30 फीसद छात्र होंगे।
उधर, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से देशभर मे स्कूल खोले जाने की इजाजत दी थी। ऐसे में ज्यादातर राज्यों में स्कूल को फिर से खोला भी गया है, लेकिन कुछ राज्यों ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूलों को फिर से नहीं खोला। इसमें तमिलनाडु और कर्नाटक भी शामिल है। इन दोनों राज्यों में फिलहाल स्कूल को फिर से खोलने का भी मार्ग नहीं दिख रहा है।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने बताया कि राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में फिर से स्कूल खोले जाने को लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया है। फिर से स्कूल खोले जाने से पहले सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी साथ ही विशेषज्ञों, स्वास्थ्य अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों द्वारा सुझाव लिए जाएंगे।
तमिलनाडु में 16 नवंबर से कक्षा 9,10, 11 और 12वीं के छात्रों के लिए फिर से स्कूल खोले जाने थे, लेकिन अब राज्य सरकार अपना फैसला वापस ले लिया है। राज्य सरकार ने कहा कि अभिवाकों ने स्कूल को फिर से खोले जाने पर चिंता जताई थी। इसके तहत यह फैसला लिया गया है कि राज्य में फिर से स्कूल नहीं खोल जाएंगे। साथ ही कहा कि कॉलेज और यूनीवर्सिटी 2 दिसंबर से फिर खुलेंगे।