रायगढ़। लोगों का संबंध जानवर से हो या फिर इंसान से जब बंध जाता है तो वह अटूट बंधन की डोर में बंधा रहता है। इस बंधन के टूटने एक इंसान किस कदर टूट जाता है इसका जीता जागता उदाहरण ग्राम गोरखा से सामने आया है। रायगढ़ जिले के कोतरारोड थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गोरखा में पालतू कुत्ते की मौत होने के बाद इससे व्यथित 22 वर्षीय छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद क्षेत्र व स्वजन सहमे हुए हैं।
छात्रा प्रियांशी पिता दिलीप सिंह उम्र 22 वर्ष गोरखा थाना कोतरारोड की रहवासी थी। वह कालेज की पढ़ाई करती थी। पुलिस की जांच से पता चला कि युवती के घर मे एक पालतू कुत्ता बाबू था। वह पिछले दो-तीन दिनों से बीमार था। मंगलवार की रात उसकी मौत हो गई। कुत्ते की मौत होने से स्वजन गमगीन थे और सभी रात एक बजे तक घर मे ही बैठकर चर्चा कर रहे थे। इसी बीच युवती अपनी बड़ी बहन के साथ कमरे में सोने चली गई।
बुधवार सुबह करीब सात बजे जब स्वजन बाबू को दफनाने की प्रक्रिया कर रहे थे, तब युवती के पिता और बड़ी बहन उसे बुलाने कमरे में गए तो वह वहां से गायब थी। उन्होंने खोजबीन शुरू की तो प्रियांशी छत के ऊपर बने कमरे में लोहे के पाइप में लुंगी की मदद से फांसी का फंदा बनाकर उसमें लटकी मिली। आनन-फानन में लुंगी से बने फंदे को काटकर युवती को नीचे उतरा गया। लेकिन, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। स्वजनों ने कोतरारोड पुलिस को सूचना दी।
सुसाइड नोट में लिखा चंद शब्दों में दर्द
युवती का संबंध उसके पालतू जानवर से इस कदर था कि वह अपने अनमोल जीवन को ही समाप्त कर दी। वहीं विवेचना के दौरान युवती की जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला जिसमें लिखा था कि उसके बाबू के साथ उसे दफनाया जाए, आगे लिखते हुए उसने माता-पिता को ध्यान रखने का उल्लेख किया है।