रायपुर। राजधानी से लेकर प्रदेश के तमाम जिलों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार जस की तस बनी हुई है। मंगलवार को 1721 नए मरीजों के मिलने के साथ ही 17 लोगों की मौत की साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 2600 के पार हो गई है। वहीं प्रदेश में अब भी सक्रिय मरीजों की तादाद साढ़े 18 हजार से अधिक है। इन आंकड़ों को देखते हुए ही प्रदेश के मुख्य सचिव आरपी मंडल ने प्रदेशभर के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किया है।
भले ही छत्तीसगढ़ में पहली लहर ही चल रही है, लेकिन कोरोना मुक्त छत्तीसगढ़ फिलहाल कल्पना से परे नजर आ रहा है। प्रदेश में अब तक संक्रमितों की तादाद 2 लाख 13 हजार के आंकड़े को पार कर चुका है। भले ही इनमें से 1 लाख 92 हजार लोग स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन साढ़े 18 हजार सक्रिय मरीज होने के साथ ही प्रतिदिन हजार से दो हजार के बीच मरीजों का मिलना, इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में कोरोना लगभग घरों तक पहुंच चुका है। यही वजह है कि मुख्य सचिव मंडल ने सभी कलेक्टरों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किया है।
नियंत्रण से बाहर हैं हालात
प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की संख्या भले ही कम हो गई है, लेकिन होम आइसोलेशन में यह संख्या काफी ज्यादा है। प्रतिदिन जिस औसत में जांच हो रहे हैं, पाॅजिटिव मरीजों की संख्या भी उसी अनुपात में बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग भले ही इस तथ्य से इंकार कर दें, लेकिन वास्तविकता यही है कि शहर हो या फिर गांव, कोरोना पाॅजिटिव मरीज खुलेआम घुम रहे हैं, जिसकी वजह से हालात नियंत्रण से बाहर हैं, और प्रतिदिन सामने आ रहे नए मरीजों की संख्या बदस्तुर जारी है।
हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बयान में स्पष्ट कहा है कि वे लाॅक डाउन के पक्षधर नहीं हैं। वे कभी नहीं चाहेंगे कि प्रदेश में दूसरी बार लाॅक डाउन की आवश्यकता पड़े और लगाया जाए। लेकिन जिस तरह के हालात बने हुए हैं, संक्रमण का रफ्तार कम होने की बजाय घट-बढ़ रहा है, ऐसे में एकमात्र चारा लाॅक डाउन ही नजर आता है। बहरहाल यह विषय सरकार के लिए विचारणीय है।