कांकेर – जिले में नहरों के जीर्णोद्धार से सिंचाई रकबा में वृद्धि होने से क्षेत्र के किसान लाभान्वित हुए हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा चारामा विकासखण्ड के अंतर्गत मैनखेड़ा तालाब निर्माण का जीर्णोद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य किया गया है, जिससे अंतिम छोर के गांव तक सिंचाई पानी पहुंचने से किसान खुश हैं।
चारामा विकासखण्ड के अंतर्गत मैनखेड़ा तालाब का निर्माण लगभग 35 साल पहले कराया गया था, इस तालाब में सिंचाई के लिए एक मुख्य नहर जिसकी लंबाई 9.60 किलोमीटर तथा 02 माइनर नहर का निर्माण किया गया है। नहर निर्माण पूर्ण होने के पश्चात् शुरू में किसानों को इसका लाभ मिल रहा था, लेकिन कालांतर में अनुरक्षण के अभाव में नहरों की सिंचाई क्षमता में गिरावट आती गई, जिससे रूपांकित सिंचाई क्षमता के अनुरूप सिंचाई नहीं हो पा रही थी। वर्ष 2018 के अगस्त महीने में चारामा अंचल में हो रही अनवरत् बारिस से अतिवृष्टि के कारण मुख्य बांध लगभग 25 मीटर लंबाई में फूटकर बह गया था, जिसका मरम्मत कराया गया।
मैनखेड़ा तालाब के जीर्णोंद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 11 जून 2018 को 222.45 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे निर्माण कार्य को निविदा के माध्यम से पूर्ण कराया जा रहा है जो पूर्णता की ओर है। इस योजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 283 हेक्टेयर है, लेकिन पूर्व में मात्र 77 हेक्टेयर क्षेत्र में ही खरीफ फसल की सिंचाई हो रही थी। नहरों के जीर्णोंद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य पश्चात् इस वर्ष 130 हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई की गई है जो पिछले वर्ष की तुलना में 53 हेक्टेयर अधिक है।
गौरतलब है कि योजना के जीर्णोद्धार के अंतर्गत 9.60 किलोमीटर मुख्य नहर में से मात्र 3 किलोमीटर लंबाई में लाईिंनग कार्य कराया गया है तथा 2.20 किलोमीटर लाईनिंग कार्य प्रगति पर हे, शेष मुख्य नहर एवं माइनर नहरों की पूरी लाईनिंग कार्य हो जाने के पश्चात सिंचाई क्षमता में वृद्वि संभावित है। मैनखेड़ा नहर के जीर्णाद्धार उपरांत सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर नहर के अंतिम छोर तक पहली बार पानी पहुंचा है। योजना के निर्माण काल से लेकर अब तक अंतिम छोर के खेतों तक पानी कभी नहीं पहुंचती थी, जो लगभग 30 वर्षों पश्चात् संभव हो पाया है।