हांगकांग के मुद्दे पर चीन की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। इन आलोचनाओं को लेकर चीन भड़क उठा है और उसने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा को ‘आंखें’ निकालने की धमकी दे डाली है। इन सभी पांच पश्चिमी देशों ने हांगकांग में सांसदों के रूप में निर्वाचित नहीं होने के लिए चीन द्वारा बनाए गए नियमों की आलोचना को लेकर ‘फाइव आइज’ गठबंधन बनाया है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा ने चीन से कहा है कि वह अपने नए नियमों को वापस ले।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पश्चिमी देशों को चीन के मामलों से दूर रहने की चेतावनी दी। चीनी विदेश मंत्रालय के वुल्फ वॉरियर के रूप में जाने वाले लिजियान ने कहा, पश्चिमी लोगों को सतर्क रहना चाहिए अन्यथा उनकी आंखें बाहर निकाल ली जाएंगी। उन्होंने कहा, चीन कभी कोई परेशानी नहीं पैदा करता और न ही किसी चीज से डरता है।
चीन की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वालों को कर देंगे अंधा
चीनी प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि पश्चिमी देशों को सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि चीन ने पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग को वापस पा लिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा ने एक खुफिया साझेदारी की हुई है, जिसे ‘फाइव आइज’ कहा जाता है।
लिजियान ने कहा, उनकी पांच आंखें हैं या दस, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि वे चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों को नुकसान पहुंचाने का साहस करते हैं, तो उन्हें अपनी आंखों के बारे में सावधान रहना चाहिए, जिन्हें फोड़ा जा सकता है और उन्हें अंधा किया जा सकता है।
‘फाइव आइज’ ने प्रस्ताव को बताया आलोचकों की आवाज दबाने वाला अभियान
गौरतलब है कि, पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा है कि हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक सांसदों को अयोग्य ठहराने वाला चीनी सरकार का नया प्रस्ताव सभी आलोचकों की आवाज को दबाने के लिए एक सोचे-समझे अभियान का हिस्सा प्रतीत होता है। इन देशों के संयुक्त बयान ने प्रस्ताव को चीन के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और हांगकांग को उच्च-स्तरीय स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करने के अपने वादे के उल्लंघन के रूप में वर्णित किया।
ब्रिटेन ने 1997 में चीन को सौंपा हांगकांग
ब्रिटेन ने 1997 में एक समझौते के तहत लगभग 75 लाख की आबादी वाले हांगकांग को चीन को सौंप दिया था, लेकिन समझौते में निर्धारित किया गया कि 50 वर्षों के बाद हांगकांग को स्थानीय मामलों में स्वायत्तता दी जाएगी।