भ्रष्टाचार के आरोपों पर बिहार के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चैधरी को इस्तीफा देना पड़ गया। महागठबंधन इस मुद्दे को और आगे बढ़ाना चाहता है और इसमें शामिल दलों के नेता मेवालाल के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जैसे मंत्रियों को भी तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर करने की जरूरत बता रहे हैं। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि राज्य में पूरे कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवा लचर थी, लेकिन उन्हें फिर से उसी विभाग का मंत्री बना दिया गया है। बिहार में स्वास्थ्य विभाग में अलग चेहरा देना चाहिए, क्योंकि वह एक कठपुतली हैं जिनकी डोर कहीं और है।
इसी क्रम में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि मेवालाल के बाद मंगल पांडेय जैसे मंत्रियों को भी तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि लॉकडाउन के समय में मंगल पांडेय नकारा साबित हुए हैं। पूरे बिहार में लगातार उनकी बर्खास्तगी की मांग उठाती रही है, लेकिन फिर से उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया।
कुणाल ने यह भी कहा कि उनके मंत्रित्वकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत चरमाराई रही, लेकिन सरकार ने उन्हें फिर से इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। सरकार को बिहार की जनता की आवाज सुननी चाहिए. बता दें कि मंगल पांडेय के कार्यकाल में कोरोना को संभाल नहीं पाने के आरोपों के तहत दो स्वास्थ्य सचिवों को अपना पद गंवाना पड़ा था।