धान परिवहन की चोरी, गड़बड़ी और कालाबाजारी पर नकेल कसने की कवायद शुरू हो गई है। शासन के निर्देश के अनुसार इस बार केवल उन्हीं ट्रकों को परिवहन के काम की पात्रता होगी, जिसमें जीपीएस लगे होंगे। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में इस बार राइस मिलर्स और ट्रांसपोर्टर को धान परिवहन के लिए वाहनों में जीपीएस लगवाना पड़ेगा। जिन वाहनों में जीपीएस नहीं होगा, उनसे धान का परिवहन नहीं किया जा सकेगा। हालांकि यह व्यवस्था पहले से लागू हैं। पिछली बार इसमें छूट दी गई थी, लेकिन इस बार शासन इसको लेकर सख्त है। यह सारी कवायद धान की चोरी, गड़बड़ी और कालाबाजारी रोकने के लिए है।
राज्य सरकार किसानों को उनके धान का उचित मूल्य देने और सुविधाएं पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत धान खरीदी के साथ परिवहन व्यवस्था को भी पारदर्शी बनाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ की ओर से परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले ट्रकों को जीपीएस से लैस किया जाएगा। इससे खरीदी केंद्रों से राइस मिल तक वाहनों पर नजर रहेगी।
विभाग के पास होगी पल-पल की खबर
डीएमओ सुनील सिंह राजपूत ने बताया कि परिवहन के लिए रजिस्टर्ड जीपीएस वाले ट्रकों की मानिटरिंग रायपुर से की जाएगी। इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। खरीदी केंद्रों से धान की लोडिंग होने के बाद ट्रकों के वहां से निकलने, संग्रहण केंद्र और राइस मिल पहुंचने के समय की पूरी ट्रेकिंग की जानकारी मिलती रहेगी। ट्रक में लोड धान की मात्रा सही है या नहीं इसका पूरा रिकार्ड विभाग रखेगा।