वर्ष 1996 में विश्व स्तर पर जब संयुक्त राष्ट्र में पहली बार वर्ल्ड टेलीविजन फोरम बनाया गया तभी से 21 नवंबर को दुनियाभर में विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत इसलिए की गई ताकि लोगों को हमेशा चलचित्र की ताकत याद रहे और लोग यह जान सकें कि टेलीविजन दुनिया के सभी लोगों की मानसिकता और उनके विचारों को किस तरह बदल सकता है? हिंदी फिल्मों में भी टेलीविजन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेकिन, आज हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताएंगे जिनकी कहानी में टीवी की कुछ अहम भूमिका रही।
दूरदर्शन (2020)
गगन पूरी के निर्देशन में बनी ‘दूरदर्शन’ एक कॉमेडी फिल्म है जिसमें माही गिल, मनु ऋषि चड्डा, डॉली आहलूवालिया, सुप्रिया शुक्ला, राजेश शर्मा, आदि कलाकारों ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। इस फिल्म की कहानी में एक परिवार है जिसमें एक बुजुर्ग औरत दर्शन 30 सालों तक कोमा में रहती है। जब उसे होश आता है तो उसे वही जमाना याद रहता है जब दूरदर्शन चलता था। होश में आने के बाद भी वह अपने बच्चों से दूरदर्शन लगाने की मांग करती है। यह ऐसा वक्त रहा जब दूरदर्शन कोई देखता ही नहीं था। उसे टीवी पर वही मैच देखना है जिसमें सुनील गावस्कर खेला करते थे। वही ‘चित्रहार’ देखना है जिसमें पुराने गाने सुनाए जाते थे। हालांकि, समय के साथ वह टीवी देख कर ही दर्शन को पता चलता है कि अब समय बदल चुका है।
दृश्यम (2015)
अभिनेता अजय देवगन, तब्बू और श्रिया सरन की सुपरहिट थ्रिलर ड्रामा फिल्म ‘दृश्यम’ की पूरी कहानी टीवी से ही रची गई है। दरअसल, फिल्म में अजय देवगन का किरदार विजय सालगांवकर अपने इलाके में एक केबल नेटवर्क चलाता है। वह दिन रात सिर्फ फिल्में ही देखता रहता है और उन फिल्मों से ही वह इतना कुछ सीख जाता है जो उसकी बेटी और अपने परिवार को बचाने के काम आता है। अपनी जिंदगी की इतनी जटिल कहानी और इतनी आगे की सोच विजय को टीवी से ही मिलती है। एक आईजी के बेटे को मारकर विजय का परिवार टीवी के माध्यम से मिली अक्ल की वजह से ही साफ बच जाता है।
13बी (2009)
विक्रम कुमार के निर्देशन में बनी हॉरर थ्रिलर फिल्म ’13बी- फीयर हैज ए न्यू ऐड्रेस’ में मनोहर की जिंदगी में परेशानियां तब शुरू होती हैं जब वह अपने परिवार के साथ एक नए घर में रहने जाता है। यह घर शापित होता है जहां पहले कभी कुछ लोगों का कत्ल किया गया। इस घर में रह रहीं आत्माएं मनोहर के परिवारीजनों से टीवी के जरिए ही संपर्क करती हैं। टीवी में चल रही कहानी पहले ही संकेत दे देती है कि आखिर मनोहर और उसके परिवार की जिंदगी में आगे क्या होने वाला है? इस बात का पता मनोहर को थोड़ी देर से चलता है। मूल रूप से तमिल भाषा में बनी इस फिल्म में आर माधवन, नीतू चंद्र, सचिन खेडेकर, दीपक डोबरियाल, आदि कलाकार मुख्य भूमिका में हैं।
ऑल द बेस्ट (2009)
हिंदी फिल्मों के जाने-माने फिल्म निर्माता और निर्देशक रोहित शेट्टी कि वर्ष 2009 में आई फिल्म ‘ऑल द बेस्ट- फन बिगिंस’ में भी टीवी का एक छोटा सा किरदार है। इस फिल्म में अजय देवगन, फरदीन खान, संजय दत्त, बिपाशा बसु, मुग्धा गोडसे, संजय मिश्रा, आदि कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसकी कहानी में प्रेम और वीर की जिंदगी में तब भूचाल आता है जब वीर का भाई धरम किन्हीं कारणवश वीर के परिवार से मिलता है। यहीं से इनकी जिंदगी में गोलमाल शुरू होता है। यहां टीवी का किरदार सिर्फ इतना है कि जब भी प्रेम और वीर का कोई राज खुलना होता है तो वह हमेशा टीवी पर वर्ष 1979 में आई ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘गोलमाल’ देख रहे होते हैं। यहीं से अंदाजा लगता है कि अब उनकी जिंदगी में फिर कुछ न कुछ पंगा होगा!