नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को कहा है कि विदेशी पशु-पक्षी रखने वाले लोग अगर दिसंबर तक उनकी जानकारी सार्वजनिक कर देते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलेगा। उच्चतम न्यायालय ने इससे केंद्र सरकार के उस आदेश पर मुहर लगा दी है जिसमें कि विदेशी पशु पक्षियों को रखने वालों या उनके मालिकों को अभियोजन से संरक्षण देने की बात कही गई है। कोर्ट के मुताबिक ऐसा तभी संभव है जब वे आम माफी योजना के तहत ये खुलासा करते हैं। उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें कहा गया था कि उन लोगों के खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता जो आम माफी योजना के तहत जून से दिसंबर के बीच विदेशी वन्यजीव प्रजातियों के अधिग्रहण या कब्जे का खुलासा कर दें। पीठ ने एक अपील को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार की योजना के बावजूद विदेशी वन्यजीव प्रजातियों के अधिग्रहण, कब्जे और व्यापार के लिए जांच और मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।