कोरोना की दूसरी मार को देखते हुए शासन और प्रशासन हर तरह के इंतजाम कर लेना चाहता है। किसी भी तरह की चूक को बर्दाश्त कर पाने की शक्ति अब सरकार के पास भी नहीं बची है। कोरोना की वजह से देश ने लाॅक डाउन के उस मंजर को सहा है, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था। आलम यह है कि देश इस कोरोना की वजह से सालों पीछे चला गया है, जिसकी भरपाई आसान नहीं है।
ऐसे में कोरोना की दूसरी मार को बर्दाश्त करने की क्षमता अब सरकारों में भी नहीं बची है, लिहाजा सख्ती ही एकमात्र उपाय है, जिसके जरिए कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोका जा सकता है। समझाइश के बावजूद भी लोगों की मनमानी शासन-प्रशासन को सख्ती पर मजबूर कर रही है। जबकि संयमित रहकर इस महामारी से निपटा जा सकता है।
इसी सख्ती का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें पुलिस सड़क पर बगैर मास्क पहने चलने वालों को बीच सड़क पर ही रोककर पुलिस वैन में बिठा रही है और उन्हें 10 घंटे तक हवालात की सजा दे रही है। इसे पुलिस की ज्यादती नहीं कहा जा सकता, क्योंकि दिशा-निर्देश के बाद भी जब लोग नियम और संयम का पालन नहीं करेंगे, तो शासन-प्रशासन को अपना तरीका लोगों को सीखाना पड़ेगा।
https://youtu.be/AjckK9ExfE0