बिलासपुर। न्यायधानी में तकरीबन साढे तीन सौ ग्रामीणों ने कलेक्टर की गाड़ी रोक ली, इनकी नाराजगी थी कि इन्हें इनके क्षेत्र में सरकारी राशन दुकानों से ना तो समय पर राशन मिलता है और ना ही ऐसी कोई सुविधा है। बार बार शिकायत करने पर भी समस्या का हल नही होते देख, इन्होंने आज मजबूरी में ये फैसला लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर ने ग्रामीणों की पूरी बात सुनी और उन्हें विश्वास दिलाया कि अब तक उन्हें जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, आगे ऐसा नहीं होगा। सभी के लिए समुचित व्यवस्था कराई जाएगी।
https://youtu.be/PWvpzKOOGVY
बिलासपुर से लगे तखतपुर क्षेत्र के ग्राम लशेर में रहने वाले इन ग्रामीणों ने पहले भी कई बार कलेक्टर और विभागीय अधिकारी और अन्य लोगों से शिकायत की है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और विधायक भी इस ओर ध्यान नहीं देते। लिहाजा मजबूरी में कोरोना काल में पांच अलग-अलग ट्रैक्टरों में बैठकर शहर के मुख्यालय कलेक्ट्रेट पहुंचना पड़ा। इसी बीच बिलासपुर के कलेक्टर सारांश मित्तर कहीं जाने लगे तो, इन नाराज ग्रामीणों ने उनकी गाड़ि के सामने बैठकर धरना दे दिया। आखिरकार कलेक्टर को उतरकर इनकी समस्या सुनी और भरोसा दिलाया कि जल्द ही उनकी समस्याएं दूर कर ली जाएंगी।
https://youtu.be/JXoxgyq-QcM
ग्रामीणों ने कथित रूप से अपने आश्रित ग्राम में स्व सहायता समूह द्वारा चलाए जा रहे हैं सरकारी उचित मूल्य राशन दुकान की कारगुजारी को भी उजागर किया। बताया कि किस तरह से सरकारी राशन दुकानों में उन्हें ना तो राशन मिलता है और ना ही कोई सुविधा। शिकायत करने पर राशन बंद कर देने की धमकी दी जाती है तो दूसरी तरफ रेल की पटरी क्रॉस कर जान जोखिम में डाल राशन लेने जाना पड़ता है।