रायपुर। कोरोना महामारी के दौर में स्वास्थ्य कर्मियों समेत अन्य कर्मचारी वर्ग सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं। इन्हीं में एक प्रदेश के कोटवार वर्ग भी है। जिनकी पूर्व से लंबित मांगो को वर्तमान सरकार के द्वारा वादा किये जाने के डेढ़ वर्ष बाद भी पूर्ण नहीं किया गया है। जिसके चलते सभी कोटवारों में नाराजगी है। वें अपनी मांगों से लगातार जिम्मेदारी विभाग और अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं। लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर कोई अमल नहीं किया गया है।
एशोसिएशन के मीडिया प्रभारी गिरवर दास मानिकपुरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ कोटवार एशोसिएशन ट्रेड यूनियन के आह्वान पर होने वाले आंदोलन में शामिल हो कर वे अपनी आवाज बुलंद करेंगे। वहीं मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर पुनः अपनी मांगों से अवगत कराने वाले हैं। इसी साथ ही उनसे आग्रह करेंगे कि उनकी मांगों पर जल्द से जल्द अमल कर उचित निर्णय लिया जाए, ऐसे नहीं होने पर संघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हैं।
वहीं इधर राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों की उपेक्षा से नाराज छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया। जिसके तहत 1 दिसंबर से प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा कलम रख, मशाल उठा आंदोलन की शुरूआत की जायेगी। पिछले दिनों हुई कर्मचारी संघ की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
वहीं केंद सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी संगठनों की घोषणा के अनुसार हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि एनडीए ने संविधान के मूल प्रस्तावना व जनतांत्रिक अधिकारों के विरुद्ध अपने सुविधा व अवसर के अनुसार एक के बाद एक हमले करती जा रही है। इसका असर मेहनतकश मजदूरोंएवं अन्नदाताओं किसान व युवाओं के अधिकारों पर पड़ रहा है जिसके चलते 26 नवंबर, को देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया गया है।