घर और जमीन हड़पने के लिए चाची ने डायन बताकर परिवार में षडयंत्र रचा और पूरे परिवार को मार डाला। वारदात के 4 महीने बाद 5 शव जंगल में मिले, तब जाकर इस घटना का खुलासा हुआ। यह सनसनीखेज मामला झारखंड के चाईबासा जिले का है।
पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस ने टोंटो थाना के बाईहातू गांव में पांच महीने से एक परिवार के पांच लोगों के लापता होने के मामले का खुलासा हो गया है। सभी पांच लोगों की हत्या जुलाई माह में ही जमीन विवाद को लेकर गांव के रिश्तेदारों ने ही कर दी थी। इस मामले में एक महिला सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों के निशानदेही पर पांचों लोगों के नरकंकाल भी बरामद कर लिए हैं।
खानदानी घर और जमीन हड़पने के लिए सगी चाची टुरी लागुरी (50) ने डायन का आरोप लगा भतीजा कैरा लागुरी (30), बहू मंजो लागुरी (25) और उनके तीन बच्चे वीर सिंह लागुरी (10), बेटी पुतली लागुरी (5) व जय (3) की हत्या करा दी। मृतक की बुआ नानिका हेस्सा के संघर्ष से हत्याकांड का खुलासा हुआ और चार महीने बाद बाइहातु से दस किमी दूर नाेएडागाड़ा के बीहड़ जंगल से पांचाें का नरकंकाल बरामद किया गया। इस जघन्य हत्याकांड में गांव के लाेगाें ने भी साथ दिया था। पुलिस ने टुरी लागुरी समेत गांव से 10 आराेपियाें काे गिरफ्तार किया है।
काेल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह के मुताबिक, गांव में हंड़िया का धंधा करने वाली टुरी लागुरी मुख्य आरोपी है। घर और जमीन हड़पने के लिए उसने ही भतीजे और उसकी पत्नी काे डायन बताकर लाेगाें काे भ्रमित किया था। इसके बाद गांव के 17 लाेगाें काे हंड़िया-दारू मिलाकर परिवार के सभी सदस्यों की हत्या करवा दी।
राजीव रंजन सिंह ने बताया कि चार महीने पहले रात में आराेपियाें ने भतीजे और उसकी पत्नी का गला रेत डाला। फिर तीनाें बच्चाें की गला दबाकर हत्या कर दी। साक्ष्य छिपाने के लिए शवाें काे उठाकर नाेएडागाड़ा जंगल ले गए। वहां नदी के किनारे शवाें काे पहले जलाया और फिर गड्ढा खाेदकर दफना दिया था। घटनास्थल से तीन नरमुंड मिले हैं। वहीं, पांचाें के कंकाल टुकड़ाें में बरामद किए गए। डीआईजी ने घटना काे क्रूरतम बताया और कहा-हत्याकांड में शामिल लाेगाें काे सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल हाेगी।