एक निजी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार से लेकर राजनीति तक से जुड़े वालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि आप राहुल को अध्यक्ष क्यों देखना चाहते हैं तो बघेल ने कहा- आज देशभर में कार्यकर्ताओं की स्वीकार्यता राहुल गांधी जी की है, किसी और नेता की स्वीकार्यता इतनी नहीं है। वह लगातार देश में घूमते रहे हैं। उन्हें मुद्दों की समझ है और बिना झिझके हर बात कहते हैं। चाहे सीमा, लॉकडाउन या जीएसटी की बात हो वह सबसे पहले बोलते हैं। उनके जैसा अभी दूसरा कौन है राष्ट्रीय स्तर पर।
पार्टी के भीतर रखनी चाहिए बात
बघेल ने कहा कि गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल बहुत वरिष्ठ नेता है। मंत्री रहे हैं। उन्हें काम का लाभ और सम्मान मिला है। यही लोग हमें सिखाते थे कि कोई बात पार्टी फोरम में करनी चाहिए। यही बात उनपर भी लागू होती है। वे लोग बहुत वरिष्ठ हैं इसलिए उनके खिलाफ नहीं बोलना चाहता। हम लोग भी कभी इन्हीं नेताओं के माध्यम से अपनी बात अध्यक्ष तक पहुंचाते थे। आज माध्यम बदल गए होंगे।
छत्तीसगढ़ के सीएम ने एक बार फिर से राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि, ‘राहुल गांधी ने कांग्रेस प्रमुख के रूप में 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि ‘कार्यकर्ता राहुल गांधी को चाहते हैं। उनके लिए बड़ी स्वीकृति है। वह देश का दौरा कर रहे हैं, मुद्दों को समझते हैं और दृढ़ विश्वास के साथ बातें करते हैं, चाहे वह एलएसी, लॉकडाउन, जीएसटी, या कोरोनावायरस के बारे में हो।’
कपिल सिब्बल भी उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने हाल ही में संगठन में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और हाल ही में एक साक्षात्कार में उन्होंने पार्टी में आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़े पैमाने पर नुकसान होने के बाद कहा कि पार्टी गिरावट के स्तर पर है। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बीते रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘पांच सितारा संस्कृति’ घर कर गई है। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान भी किया।
बिहार चुनाव के नुकसान पर बोले
बिहार चुनाव में कांग्रेस को हुए नुकसान पर बघेल ने कहा- एक तरफ बिहार के जनता की मूड की बात करें तो तेजस्वी या महागठबंधन की जनसभाओं को देख लीजिए। दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन में कुर्सियां खाली थीं। उसके बाद जो रिजल्ट आया है, अचंभित करने वाला है। तेजस्वी यादव काउंटिंग पर प्रश्न लगाकर कोर्ट जा रहे हैं। कहीं ना कहीं एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है। आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। 122 से आप कितने आगे हैं और महागठबंधन कितना पीछे है।
जब बघेल से पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे खराब समय है? तो उन्होंने कहा कि जो आंकड़े हैं वह सबके सामने है। जो जनादेश है उसे पावर के द्वारा कैसे बदला जाता है यह हमने गोवा, राजस्थान, कर्नाटक, मध्यप्रदेश में देखा है। जैसे केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।