अपने दौर के मशहूर एक्टर और डायरेक्टर अमोल पालेकर इन लाइनों में बिल्कुल फिट बैठते हैं। अमोल अपनी एक्टिंग से इंडस्ट्री में एक अलग खास पहचान बना चुके हैं।
अमोल पालेकर ने अपनी जिंदगी के सफर में कई किरदारों को केवल जिया ही नहीं बल्कि निभाया भी है। करियर की शुरुआत में पालेकर बैंक क्लर्क रहे और फिर थियेटर आर्टिस्ट भी, बॉलीवुड के अभिनेता भी रहे और निर्देशक भी। एक पेंटर की आत्मा तो उनमें आज भी धड़कती है। उनका जन्म 24 नवंबर 1944 को मुंबई के एक लोअर मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। पिता पोस्ट ऑफिस में काम करते थे और उनकी मां एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थीं।
पहला प्यार और थियेटर से लगाव
सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। इसी बीच अमोल की मुलाकात अपनी छोटी बहन की क्लासमेट चित्रा से हुई। अमोल को चित्रा से प्यार हो गया लेकिन चित्रा थियेटर आर्टिस्ट थीं। इसलिए अमोल का भी रुझान थियेटर की ओर होने लगा। फिर अमोल, चित्रा के साथ थियेटर जाने लगे और उन्हीं के साथ रिहर्सल भी करने लगे।
ऐसे हुई एक्टिंग की शुरुआत
चित्रा के साथ थियेटर जाने के दौरान अमोल की मुलाकात मशहूर डायरेक्टर सत्यदेव दुबे से हुई। फिर दुबे ने पालेकर को एक्टिंग करने के लिए प्रेरित किया। यहां तक कि डायरेक्टर बासु चटर्जी ने उन्हें एक फिल्म का भी ऑफर दिया लेकिन पालेकर ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया।
चटर्जी यहीं पर नहीं रुके, वह एक और फिल्म का ऑफर लेकर पालेकर के पास पहुंचे। इस बार पालेकर मना नहीं कर पाये और तैयार हो गए। यहीं से उनका एक्टिंग करियर शुरू हो गया। इस मौके को गले लगाकर पालेकर ने अपनी जिंदगी के लिए नए दरवाजे खोल लिए और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
खुशमिजाजी से जी जिंदगी
अमोल पालेकर ने दो शादियां की थी। 57 की उम्र में उन्होंने अपनी पहली पत्नी चित्रा पालेकर को डाइवोर्स देकर संध्या गोखले से शादी की। उनकी दो बेटियां हैं। पहले पत्नी से हुई बेटी शलमाली आजकल ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं। तो संध्या गोखले से हुई बेटी का नाम उन्होंने समीहा रखा है, समीहा ने कानून की पढ़ाई की है और दस साल न्यूयॉर्क में प्रैक्टिस करने के बाद आजकल समाजसेवा करती हैं।
पालेकर ने केवल एक्टिंग ही नहीं की बल्कि कच्ची धूप, नकाब और पहेली जैसी कई फिल्मों का निर्देशन भी किया। हालांकि अब पालेकर मुंबई की शोर भरी दुनिया से दूर पूना में पेंटिंग को समय दे रहे हैं।