मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) द्वारा एक्ट्रेस कंगना रनौत के बंगले के एक हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण कृत्य थी और ऐसा एक्ट्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था. हाईकोर्ट ने आकलन करने वाली एक एजेंसी की भी नियुक्ति की जो क्षति का आकलन करेगी ताकि क्षतिपूर्ति के लिए कंगना रनौत के दावे पर निर्णय किया जा सके.
हाईकोर्ट ने शिवसेना के संजय राउत द्वारा रनौत के खिलाफ चलाए गए अभियान को लेकर भी फटकार लगाई. बॉलीवुड एक्ट्रेस ने निर्णय को ‘लोकतंत्र की जीत’ बताया. बहरहाल, फैसले में न्यायमूर्ति एस जे काठवाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने रनौत को भी सलाह दी कि बोलते समय वह भी संयम बरतें. अदालत ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देती है.
न्यायमूर्ति एस जे काठवाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय द्वारा की गई कार्रवाई अनधिकृत थी और इसमें कोई संदेह नहीं है. पीठ रनौत द्वारा 9 सितंबर को उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने पाली हिल बंगले में बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
नेटफ्लिक्स सीरीज ‘फेबुलस लाइव्स ऑफ बॉलीवुड वाइव्स’ के टाइटल को लेकर करण जौहर और मधुर भंडारकर में विवाद हो गया था. करण जौहर ने इस मामले में मधुर से माफी भी मांग ली थी. उनकी माफी पर मधुर ने भी बड़ी पोस्ट लिखकर अपना जवाब दे दिया है. जवाब में मधुर ने करण की माफी को एक्सेप्ट कर टाइटल विवाद को खत्म कर दिया है. मधुर भंडारकर ने अपनी पोस्ट में लिखा है, ‘डियर करण, जवाब देने के लिए शुक्रिया, यह सच में एक भाईचारे वाली इंडस्ट्री है, जिसमें भरोसा और सम्मान बहुत अहमियत रखते हैं. जब हम बिना किसी झिझक के नियमों को तोड़ते हैं, जो हमने खुद बनाए हैं, तब खुद को फ्रैटर्निटी कहना बुद्धिमानी नहीं है.