ग्रेंड न्यूज। देशभर में आज कार्तिक पूर्णिमा मनाई जा रही है। इसके अलावा आज साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लग गया है। यह चंद्रग्रहण दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा। साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण कई मायनों में खास है।
ये चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण होगा जो एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। उपछाया ग्रहण होने और भारत में दिखाई ना देने की वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं है। ये चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में होगा।
इस बार का चंद्र ग्रहण बहुत ही खास है क्योंकि ग्रहण के साथ ही आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत शुभ योग माना जाता है। ये योग नक्षत्र, तिथि और वार के संयोग से बनता है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य बहुत ही फलदायी माने जाते हैं। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य जरूर सफल होते हैं। इस योग में भूमि या गहने खरीदना या खरीद-बिक्री से जुड़ा कोई भी काम करना शुभ माना जाता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा ये ग्रहण एक और मायने में खास है। ये चंद्र ग्रहण आज सोमवार के दिन लग रहा है। सोमवार का दिन चंद्रदेव का दिन माना जाता है। ऐसे में इस ग्रहण का महत्व और बढ़ जाता है। आज का चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण है। शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है। इसलिए ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी होगी। हालांकि नक्षत्र और राशि में लगने का असर जातकों पर जरूर पड़ेगा।
ये ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा इसलिए वृषभ राशि के जातकों को ग्रहण काल के दौरान कुछ परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। ग्रहण काल के दौरान वृषभ राशि के जातकों को कुछ विशेष सावधानियां रखनी होंगी।