रायपुर। कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रशासन ने गुरुनानक देव की जयंती, जिसे प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है के लिए पूर्ण अनुमति नहीं दी है, जिसकी वजह से राजधानी में सिख समाज ने भी इस महापर्व को संयमित तरीके से मनाने का निर्णय लिया है। छग ओलंम्पिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेशभर के लोगों को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दी है।
https://youtu.be/wkshYo-pWFI
https://youtu.be/8bzVknJnxRw
राजधानी में सिख समाज के मार्गदर्शक के तौर पर स्थापित गुरूचरण सिंह होरा ने बताया कि आज सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 551वीं जयंती मनाई जा रही है। नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में हैं। इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म में गुरु पर्व का बहुत महत्व है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। प्रकाश पर्व के दिन सभाओं में गुरु नानक देव के द्वारा दी गई शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है और गुरु ग्रंथ साहिब पाठ किया जाता है।
https://youtu.be/a3iQ3ZSAajE
प्रदेश ओलम्पिक संघ के महासचिव और सिख समाज के प्रवर्तक गुरुचरण सिंह होरा ने बताया कि गुरु नानक की शिक्षाएं आज भी सही रास्ते में चलने वाले लोगों का मार्ग दर्शन कर रही हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक और नानक देव, बाबा नानक और नानक शाह जी जैसे नामों से संबोधित करते हैं। कई चमत्कारिक घटनाओं की वजह से ये 7-8 साल की उम्र में ही काफी प्रसिद्ध हो गए थे। उन्होंने समाज को जीवन के 10 सिद्धांत समझाए थे, उनकी इसी शिक्षा के आधार पर समाज आज भी आगे बढ़ रहा है।
गुरुनानक देव की 10 शिक्षाएं
1- परम-पिता परमेश्वर एक है।
2- हमेशा एक ईश्वर की साधना में मन लगाओ।
3- दुनिया की हर जगह और हर प्राणी में ईश्वर मौजूद हैं।
4- ईश्वर की भक्ति में लीन लोगों को किसी का डर नहीं सताता।
5- ईमानदारी और मेहनत से पेट भरना चाहिए।
6- बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं।
7- हमेशा खुश रहना चाहिए, ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करें।
8- मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद की सहायता करें।
9- सभी को समान नजरिए से देखें, स्त्री-पुरुष समान हैं।
10 – भोजन शरीर को जीवित रखने के लिए आवश्यक है. परंतु लोभ-लालच के लिए संग्रह करने की आदत बुरी है।