मुंबई. बॉलीवुड में कई सालों की स्ट्रगल के बाद अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. वो इंडस्ट्री के सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में गिने जाते हैं. उन्होंने फिल्मों में हीरो से लेकर खतरनाक विलेन तक कई तरह की भूमिकाएं निभाई हैं. जहां एक तरफ नवाज नॉन कॉमर्शियल फिल्मों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं वहीं दूसरी तरफ वो कई सफल कॉमर्शियल फिल्मों का भी हिस्सा रह चुके हैं. उन्होंने खुद को मसाला फिल्मों से दूर नहीं दिया है. हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने फिल्मी करियर को लेकर खुलासा किया है. उन्होंने कबूल किया है कि वो कई फिल्में सिर्फ पैसे के लिए कर चुके हैं और उन्होंने इसके पीछे के कारण के बारे में भी बताया है.
नवाज़ ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में मसाला फिल्मों से परहेज नहीं करने की बात कबूली है. ‘ऐसा नहीं है कि मैं उन्हें नहीं करूंगा. बात ये है कि जब मैं एनएसडी में था तो हम हर तरह का नाटक करते थे- संस्कृत में, पारसी गानों के साथ, डायलॉग लंबे होते थे और उन्हें चिल्लाकर बोलना पड़ता था. विलियम शेक्सपियर, एनटॉन चेकोव, रियलिस्टिक भी. एक एक्टर का काम है हर तरह के रोल करना’.
उनका कहना है कि ‘एक्टिंग तो एक्टिंग होगी है. चाहे पेड़ पे चढ़कर करो, गली पे नुक्कड़ नाटक या स्टेज पे, एक अच्छा अभिनेता हर जगह अच्छा होगा. बात एक्टिंग की करो, वर्गीकृत करना ठीक नहीं है. हर स्टाइल का फिल्म, थिएटर करना चाहिए. इससे वृद्धि होती है. ये नहीं कि सिर्फ एक ही चीज… इसीलिए मुझे एक्टिंग पसंद है. मुझे हर फिल्म के साथ नई चीजें सीखने को मिलती हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है’.
उन्होंने आगे कहा कि ‘हां, मैंने पैंसों के लिए फिल्में की हैं और आगे भी करता रहूंगा. मैं ऐसी फिल्में करता हूं, जिनमें मुझे अच्छा पैसा मिल सके ताकि मैं अच्छा सिनेमा कर सकूं, जहां मुझे पैसे ना मिलें या जिन्हें मैं फ्री में कर सकूं. मैंने मंटो फिल्म की थी, जिसके लिए मैंने पैसे नहीं लिए थे. इसके तीन-चार हफ्तों के अंतर में मुझे ऐसी फिल्में करनी होती हैं, जिनमें मुझे अच्छा पैसा मिल सकते ताकि बैलेंस रहे’.