रायपुर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, संयुक्त किसान मोर्चा और देश के 500 से अधिक किसान संगठनों के आह्वान पर प्रदेश में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के 21 घटक संगठन 3 दिसम्बर को पूरे प्रदेश में चक्का जाम करेंगे, मोदी-योगी-खट्टर सरकार द्वारा किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों पर दमन के खिलाफ एकजुटता प्रकट करते हुए अपनी आवाज बुलंद करेंगे और इन कानूनों को वापस लेने तथा सी-2 लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में देने का और उन्हें कर्जमुक्त करने का कानून बनाने की मांग करेंगे।
छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने यह जानकारी दी। यहां जारी एक प्रेस बयान में उन्होंने कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों पर लाठी चार्ज किये जाने तथा पानी की बौछार मारने की कड़ी निंदा की तथा कहा कि इन कानूनों को निरस्त न किये जाने तक किसानों का देशव्यापी आंदोलन जारी रहेगा। किसानों द्वारा दिल्ली की घेराबंदी किये जाने का भी छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और किसान सभा ने समर्थन किया है। इस समय दिल्ली को जोड़ने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर 5 लाख से अधिक किसान डेरा डालकर बैठे हुए हैं और अपने आंदोलन-प्रदर्शन के लिए रामलीला मैदान की मांग कर रहे हैं।
किसान नेताओं ने बताया कि 3 दिसम्बर को चक्का जाम के साथ ही विरोध प्रदर्शन के अन्य रूप भी अपनाए जाएंगे, जिसमें मोदी सरकार का पुतला दहन और कृषि विरोधी कानूनों की प्रतियां जलाना भी शामिल हैं। किसान आंदोलन ने समाज के सभी संवेदनशील तबकों, जागरूक नागरिकों और बुद्धिजीवियों से अपील की है कि किसानों की मांगों के समर्थन में आगे आएं और खेती-किसानी को बर्बाद होने और भारतीय अर्थव्यवस्था को कॉर्पोरेट जकड़ में जाने से बचाएं।