ग्रेंड न्यूज। आतंकवाद से झूलस रहे भारत के भीतर इस वक्त किसानों और सरकार के बीच गृह युद्ध जारी है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश के किसानों ने दिल्ली की सरहद पर डेरा डाल रखा है और केंद्र से उन तीनों कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं, जिसे हाल ही में मोदी सरकार ने देश के दोनों उच्च सदनों में पारित करा लिया है। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान बीते सप्ताहभर से आंदोलनरत हैं। इनमें एक किसान कुलवंत सिंह भी है, जो किसानों का नेतृत्व कर रहे हैं। इस बीच उन्हें एक दुखद समाचार मिली है कि आतंकवाद के खिलाफ तैनात उनका जवान बेटा भारत-पाकिस्तान की सरहद पर दुश्मनों की गोलीबारी में शहीद हो गया है।
कुलवंत सिंह के बेटे सुखबीर सिंह सेना में थे। किसान प्रदर्शन के बीच ही सेना के एक अधिकारी ने उन्हें फोन पर जानकारी दी कि पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में उनका बेटा शहीद हो गया है। खबर मिलते ही कुलवंत ने बेटे की तस्वीर को सीने से लगाया, और भारत मां का जयकारा लगाया। साथी किसान भी उनके साथ भारत मां की जय के नारे लगाने लगे। यह घटना 27 नवंबर की सुबह की है।
दो साल पहले ही हुआ था चयन
22 साल के सुखबीर चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। हाल ही में पांच लाख रुपये का कर्ज लेकर उन्होंने अपनी बहन की शादी करवाई थी। ड्यूटी पर जाते समय अपनी मां से कहा था कि अबकी बार लंबी छुट्टी लेकर घर आऊंगा। सुखबीर दो साल पहले ही सेना में शामिल हुए थे। जम्मू-कश्मीर के रजौरी सेक्टर में तैनाती थी। 26 नवंबर की शाम को पाकिस्तान की तरफ से अचानक से गोलीबारी होने लगी। भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया, लेकिन भारत के दो जवान- नायक प्रेम बहादुर खत्री और राइफलमैन सुखबीर सिंह शहीद हो गए।