रायपुर। प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के ग्राम बैहार पहूंचकर यहां महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से संचालित गौठान का अवलोकन किया और यहां केचुएं, गोबर और पैरा जैसे कृषि अवशेषों की सहायता से बनाए जा रहे वर्मी कम्पोस्ट ईकाई का अवलोकन किया।
मुख्य सचिव ने यहां केचुआ उत्पादन के साथ-साथ ‘गौठान छत्तीसगढियां फैक्टरी‘ एवं उद्यमिता विकास केन्द्र के माध्यम से महिला स्व सहायता समूहों द्वारा कोयला, चारकोल के अलावा गोबर से निर्मित किए जा रहें अगरबत्ती निर्माण , गोबर गमला निर्माण, गौ मूत्र और नीम आदि की सहायता से बनाए जा रहे कीटनाशक स्प्रे, साबुन निर्माण इकाई, चैनलिंक फैसिंग निर्माण इकाई, मशरूम उत्पादन कार्य, सिलाई मशीन के माध्यम से बनाए जा रहे मास्क तथा बाड़ी के माध्यम से बरबट्टी और टमाटर की उद्यानिकी का अवलोकन किया। उन्होंने महिलाओं द्वारा किए जा रहें कार्यों की सराहना की और रूबरू होकर उनके कामकाज और कार्याे की जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने गौठान के माध्यम से खरीदे गए गोबर तथा इनके द्वारा बने जैविक गोबर खाद् के बिक्री की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं से पूछा कि वे अपने काम और इससे मिलने वाले लाभ से खुश तो है ना महिलाओं ने बताया कि समिति द्वारा गोधन न्याय योजना के माध्यम से 2035 क्विंटल गोबर की खरीद की गई थी और इसके लिए बडी संख्या में वर्मी कम्पोस्ट स्ट्रक्चर बनाया गया हैं। अब वर्मी खाद् का उत्पादन शुरू हो गया हैं। इनका पैकेेजिंग कर समितियों के माध्यम से बेचने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने बताया कि उद्यानिकी, कृषि, वन आदि के विभागों से वर्मी कम्पोस्ट की मांग आ रहीं है। महिलाओं ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें लाभ होगा।
मुख्य सचिव ने जिला अधिकारियांे से कहा कि गौठान और महिला स्व सहायता समूहों की सफलता का टेस्ट यही है कि समूहों के महिलाओं को उनकी मेहनत और कार्यो से लाभ मिले और उनके राशि जल्दी मिले। उन्होंने गौठान के कार्यों से जुड़े सबसे छोटे से छोटे कर्मचारियों से भी परिचय प्राप्त किया और विशेषकर महिला कर्मचारियों के गौठान कार्यो के शामिल होने पर प्रसन्नता वयक्त करते हुए उनसे कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा करते रहे और उनके फिडबैक के आधार पर उन्हें लाभांवित करने का प्रयास करें।
अगरबत्ती और मास्क बनाने वाली महिलाओं ने बताया कि वे आर्डर पर कार्य करती है। और उन्हें कच्चा माल आसानी से मिल जाता हैं साथ ही मार्केट की भी चिन्ता नहीं रहती। महिलाओं ने बताया कि उनका साबुन गुणवत्ता की दृष्टि से काफी अच्छा है और नहाने के बाद सफेद परत भी शरीर में नहीं रहती। मशरूम उत्पादन करने वाली महिलाओं ने कहा कि वे लोग अपने काम से खुश हैं और मशरूम इकाई को बढाने वाली है। बाड़ी में काम करने वाली महिलओं ने कहा कि उन्हें मनरेगा के माध्यम से मजदूरी की राशि मिल जाती हैं और उन्हें खेती बाड़ी के काम में मुनाफा दिख रहा हैं। सरपंच श्रीमती गीता साहू ने भी कहा कि महिल स्व सहायता के कार्यो से गांव की महिलाओं को अच्छा कार्य मिला हैं और वे खुश हैं। समिति के अध्यक्ष चंद्रविजय साहू ने गौठान के कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्टर डाॅ एस. भारतीदासन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ गौरव सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।