रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार रात दिल्ली प्रवास पर निकले हैं। उनके इस प्रवास को राजनीतिक नियुक्तियों से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसकी वजह से कांग्रेस खेमे में खलबली मची हुई है। 15 साल से अपनी बारी का इंतजार कर रहे कांग्रेस नेताओं को उस घड़ी का बेसब्री से इंतजार है, जब उनके नाम पर मुहर लगाई जाएगी। सवाल यह है कि कितने और लोगों को संतुष्ट करने में कांग्रेस सफल हो जाएगी, जबकि कतारबद्ध लोगों की फेहरिस्त काफी लंबी है।
दिल्ली प्रवास पर जाने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि निगम-मंडलों में जो नियुक्तियां होनी है, उसे समय के साथ पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने इस बारे में किसी तयशुदा तिथि या निर्धारित समय की बात को टाल दिया है, लेकिन जल्द किए जाने की बात जरूर की है। अब इस जल्द का तात्पर्य निकालना आसान नहीं है।
इसके उलट कांग्रेस नेताओं को निगम-मंडलों के लिए जारी होने वाली सूची का बेसब्री से इंतजार है। नेताओं की दिल्ली दौड़ जारी है, तो अपने पक्ष में लाॅबिंग कराने से भी कांग्रेस नेतागण पीछे नहीं है, लेकिन होना वही है, जो प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस के ये तीनों दिग्गज अपने कितने नेताओं को संतुष्ट कर पाएंगे, इस पर सवाल है। हालांकि मुख्यमंत्री बघेल ने पहले ही कह दिया है कि हर किसी को पद देकर संतुष्ट नहीं किया जा सकता। प्रदेश की जनता को संतुष्ट करना और उनकी समस्याओं का निदान करना सरकार की पहली प्राथमिकता है, जिस पर खरा उतरना ही चुनौती है।