जोधपुर शहर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भौचक्के रह जाएंगे। दरअसल, शहर में दो महिलाओं के बीच डॉगी के 42 बच्चों को रखने की लड़ाई चल रही है। इसमें एक महिला ने दूसरी महिला पर आरोप लगाया है कि वह कुत्तों के 42 बच्चों को जबरदस्ती ले जा रही थी। वहीं, दूसरी महिला अपना पक्ष रख रही है। अब मामला पुलिस के पास पहुंच चुका है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
डॉगी के 42 बच्चों के लिए हो रही जंग
जोधपुर में डॉगी के 42 बच्चों के लिए हो रही कानूनी जंग से शहर के लोग हैरत में हैं। इस मामले में एक पक्ष रातानाड़ा क्षेत्र के सेंट्रल स्कूल स्कीम इलाके में रहने वाली संगीता सुराणा का है। उनका आरोप है कि एक महिला डॉगी के 42 बच्चों को जबरन ले जा रही है। वहीं, जोधपुर के सेक्टर-7 में रहने वाली रीमा मैसी का कहना है कि उन्होंने डॉगी के इन 42 बच्चों की जान बचाई है। उन्हें नगर निगम के बाड़े में छुड़वाया है।
पहली महिला ने लगाया यह आरोप
संगीता सुराणी ने वी द पीपल संस्था को बताया कि कुछ लोग आए और उनके घर से डॉगी के 42 बच्चे जबरदस्ती अपने साथ ले गए। उन्हें वे सब डॉगी वापस दिए जाए। इस पर संस्था की संस्थापक मंजू सुराणा ने रतानाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा दी। संगीता का कहना है कि जब तक उनको डॉगी के बच्चे वापस नहीं मिलते हैं, वह अन्न का एक भी दाना नहीं खाएंगी।
दूसरी महिला ने ऐसे रखा अपना पक्ष
रीमा मैसी के मुताबिक, कुछ दिन पहले हमें पता लगा कि इलाके में रहने वाली संगीता सुराणी के पास डॉगी के करीब 42 बच्चे हैं, जिन्हें उन्होंने बेरहमी से डिब्बे में बंद करके रखा है। इसके बाद वह अन्य समाजसेवियों के साथ संगीता के घर पहुंची और डॉगी के बच्चों को रेस्क्यू कराया। रीमा का दावा है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में डॉगी के बच्चों की जान बचाई।
संगीता ने दर्ज कराया पुलिस केस
रीमा के मुताबिक, संगीता ने उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज करा दिया है। उनका कहना है कि वह संगीता के खिलाफ पुलिस में शिकायत करना चाहते थे, लेकिन केस दर्ज नहीं करा पाए। ऐसे में उन्हें थाने के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।