सर्दियों का आगमन हो चुका है और इसके साथ ही घटता हुआ तापमान और बढ़ता हुआ प्रदूषण कोरोना संक्रमण की दर को निश्चित रूप से बढ़ा सकता है। यह चुनौती और भी बढ़ सकती है यदि कोई व्यक्ति पहले से अन्य बीमारियों जैसे डायबिटीज, सांस संबंधी संक्रमण या उच्च रक्तचाप से पीड़ित हो। दरअसल, तापमान में यह परिवर्तन हमारे लिए कई बदलाव लेकर आता है, विशेष रूप से यह हमारी दिनचर्या और खानपान की आदतों को बहुत प्रभावित करता है। सर्दियों में हमारी सुबह की सैर और बाकी व्यायाम बहुत ही अनियमित हो जाते हैं साथ ही हमारे खाने में गरिष्ठ भोज्य पदार्थों का समावेश होने लगता है।
ऐसा देखा गया है कि सर्दियों में फ्लू और निमोनिया के संक्रमण की दर बढ़ जाती है और इस समय कोरोना वायरस की उपस्थिति इसकी गंभीरता को कई गुना बढ़ा सकती है। इन सबके साथ सर्दियों की शुरुआत में हमें जिस एक और समस्या से दो-चार होना पड़ता है वो है यह धुआं मिश्रित प्रदूषण। यदि हम वर्तमान स्थिति के संदर्भ में बात करें तो यह प्रदूषण, अनियमित जीवनशैली और इसकी वजह से कम होती हमारी इम्युनिटी कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण और नुकसान को कई गुना बढ़ा सकती है। यह स्थिति कब तक रहेगी, अभी तक इस सवाल का निश्चित जवाब किसी के पास नहीं है पर कुछ छोटे-छोटे बदलाव एवं सामान्य प्रयासों से इस महामारी की गंभीरता से अपने आपको सुरक्षित रखा जा सकता है।
विटामिन-डी की न हो कमी: अधिकतर व्यक्ति विटामिन-डी की कमी से किसी न किसी स्तर से जूझ रहे होते हैं और सर्दियों में यह समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि इन दिनों हमें पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं मिल पाती है। वर्तमान में कोरोना वायरस एवं प्रदूषण की वजह से घर में या बंद दरवाजों में ही रहने की मजबूरी ने सूर्य की किरणों को हम तक पहुंचने के रास्ते को और मुश्किल बना दिया है। इस मुश्किल भरी स्थिति से अपने को बचाए रखने के लिए, अपने डॉक्टर की सलाह से विटामिन-डी की अतिरिक्त खुराक अवश्य लें। जब भी संभव हो धूप का सेवन करें।
नियमित जांच करना: शुगर जांच करने में बिलकुल भी लापरवाही न करें, क्योंकि सही समय पर की जाने वाली जांचें ही सही उपचार की पहली कड़ी हैं। शुगर लेवल में किसी भी तरह की अनियमितता आने पर अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
पानी पीने का ध्यान रखें: सर्दियों के मौसम में अक्सर हमारी पानी पीने की आदत कम हो जाती है। इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें और हर दिन कम से कम सात – आठ गिलास पानी का सेवन जरूर करें। ग्रीन टी और सूप के रूप में भी इसकी मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
फ्लू वैक्सीनेशन: इस मौसम में अपने फ्लू वैक्सीनेशन का ध्यान रखें, विशेष रूप से जिनकी आयु 60 वर्ष से ऊपर हो तथा जिनको डायबिटीज एवं सांस संबंधित समस्याएं रहती हों।
पैरों की देखरेख: पैरों की नियमित देखरेख को दिनचर्या में शामिल करें। पैरों की नमी बनाए रखें, सूती मोजे और आराम दायक जूतों का प्रयोग करें।
दिल का ख्याल रखें: डायबिटीज के साथ दिल का भी ख्याल रखें और ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करें। प्रदूषण एवं बहुत ठंड की वजह से मर्ॉंिनग वॉक संभव ना हो तो दिन में धूप के समय भी वॉक कर सकते हैं। अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि छोटे छोटे प्रयास कई महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।
सक्रियता बनाए रखिए
कोरोना वायरस के संक्रमण और इस बढ़ते हुए प्रदूषण में एक बात तो तय है कि हमें भीड़भाड़ वाली स्थिति से बचना है, मगर अपने आपको सक्रिय रखने के लिए घर के अंदर की जा सकने वाली गतिविधियां जैसे योग एवं हल्के व्यायाम निश्चित रूप से करते रहना है। योग ना सिर्फ हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है।
पौष्टिक हो आहार
ध्यान रहे कि भोजन सिर्फ मन को ही आनंदित न करे, बल्कि हमारे शरीर के लिए भी उतना ही लाभकारी हो। सर्दियों का एक लाभ यह है कि इस समय सभी प्रकार की हरी पत्तेदार व अन्य सब्जियां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती हैं। अत: अपने खाने में उनकी आवश्यक मात्रा का समावेश करें जैसे तरह तरह की भरवां रोटी, सूप, सलाद आदि का नियमित रूप से सेवन करें। बादाम, अखरोट आदि का नियमित सेवन करना चाहिए, पर एक निश्चित मात्रा में ( चार-पांच बादाम या एक-दो अखरोट प्रतिदिन ) करें।