रायपुर। लगातार ड्यूटी, लाॅ एंड आॅर्डर के प्रेशर के अलावा घर-परिवार को समय ना दे पाने का दर्द किसी को भी मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। नतीजतन, इसके गंभीर परिणाम भी सामने आते हैं। खासतौर पर पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों के साथ इस तरह की दिक्कतें ज्यादा आती है, जिसकी वजह से वे खुदकुशी जैसे आत्मघाती कदम भी उठा लेते हैं। इस तात्कालिक फैसले की वजह से अब तक जाने कितने जवान मौत को गले लगा चुके हैं।
पुलिस जवानों को इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने डीजीपी डीएम अवस्थी ने एक नया प्रयोग शुरू किया है, जिसे स्पंदन का नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत डीजीपी अवस्थी खुद पुलिस जवानों से वर्चुअल चर्चा करते हैं, उनकी मनःस्थिति को जानने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा उनकी समस्याओं को सुनकर उसका समाधान निकालने का प्रयास भी करते हैं, जो कारगर भी होता नजर आ रहा है।
डीजीपी का जवानों और सिपाहियों से सीधे बात करना, उनकी समस्याओं का जानना और फिर त्वरित फैसला लिया जाना, पुलिस के जवानों का मनोबल बढ़ाने में काफी कारगर साबित हुआ है। परिवार से लगातार दूर रहने की वजह से ऐसी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसे किसी के सामने जाहिर नहीं किया जा सकता। लिहाजा स्पंदन कार्यक्रम के जरिए डीजीपी से खुलकर हो रही बातों से उनकी मुसीबतें भी कम होने लगी हैं।
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