छत्तीसगढ़ सरकार हर वर्ग के साथ नि:शक्तजनों को भी आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए स्वरोजगार ऋण योजना के माध्यम से निशक्तजनों लाभ पहुंचा रही है। लेकिन करोड़ों के बकाया ऋण की राशि ने इस योजना की गति में विराम लगा दिया है। कांकेर जिले के निशक्तजनों को इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने करीब 4 करोड़ से ज्यादा का लोन दिया था। लेकिन अब तक केवल 71 लाख ही रुपए वसूल हो पाए हैं।
सरकार गरीबों तक मदद पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएं लाती है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ उठाकर हितग्राही अक्सर रफूचक्कर हो जाते हैं या फिर लोन की किस्त जमा करने में आनाकानी करते हैं। साल 2006 से 2020 तक कांकेर जिले के नि:शक्तजन 14 महिलाओं और 87 पुरुषों को किराना दुकान,वाहन क्रय,पशुपालन सहित अन्य कामों के लिए 04 करोड़ 23 लाख 95 हजार 595 सौ रूपये का ऋण 10 साल के लिए दिया गया है । लेकिन रकम वापसी में अब तक केवल 71 लाख 43 हजार 446 सौ रूपये ही निकल पाए हैं। 101 निशक्तजन में से केवल 01 ने ही ऋण लेकर पूरा जमा किया है।शेष हितग्राही ऋण जमा करने से आनाकानी कर रहे हैं। इन्ही आकड़ों में 19 ऐसे भी निशक्तजन है जिन्होंने ऋण लेकर का एक भी किश्त जमा नहीं किया है जिसकी वजह से नये निशक्तजनों को वित्त विभाग ने कोई भी ऋण देने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।
68 निशक्तजनों ने कुछ समय तक ऋण की अदायगी की लेकिन अब ऋण चुकाना बंद कर दिया है वहीं 19 निशक्तजन ऐसे भी है जिन्होंने एक भी ऋण का किश्त नहीं चुकाया। जिसकी वजह से करोड़ों का ऋण बकाया है। जिसके कारण जिन्हें ऋण की जरूरत है वो भी पैसों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।