कोविड-19 का सबसे बुरा असर स्वास्थ्य के बाद बच्चों की शिक्षा पर पड़ा है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 शुरू होने के पहले कोरोना महामारी ने देश में जो दस्तक दी, उसका दुष्प्रभाव आज भी बना हुआ है। आलम यह है कि लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है और लोगों के काम करने का समय भी कोरोना की खौफ की वजह से कम हो गया है।
वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी की वजह से देशभर के शैक्षणिक संस्थाओं पर जो ताला पड़ा, आज भी नहीं खुल पाए हैं। भले ही केंद्र सरकार ने राज्य की सरकारों को इस बात की स्वतंत्रता दे दी है कि वे अपने राज्यों में वस्तुस्थिति की समीक्षा के उपरांत स्कूल खोल सकते हैं, लेकिन हालात इस बात की इजाजत नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से स्कूलों के अलावा उच्च शिक्षण संस्थाओं में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कड़ा फैसला लिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि 31 मार्च तक स्कूल नहीं खोले जाएंगे, बल्कि अब सीधे नए शिक्षण सत्र पर ही स्कूलों को खोला जाएगा। हालांकि उन्होंने यह आदेश कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के लिए दिया है। वहीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए उन्होंने हालात पर छोड़ दिया है।