कोरोना के कारण देश में किसी हाईकोर्ट जज के निधन का पहला मामला सामने आया है। गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जी आर उधवानी की शनिवार को महामारी की चपेट में आने से मौत हो गई। कुछ दिन पहले जस्टिस उधवानी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। न्यायमूर्ति की एक पत्नी और दो बच्चे हैं। जस्टिस उधवानी की उम्र 59 साल थी।
तीन जज आए थे महामारी की चपेट में
गुजरात हाईकोर्ट के सूत्रों ने बताया कि 19 नवंबर को जस्टिस उधवानी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और 22 नवंबर को फेफड़े में गंभीर संक्रमण के चलते उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जस्टिस उधवानी उन तीन जजों में से एक थे, जो दिवाली के बाद कोरोना वायरस की चपेट में आए थे।
सूत्रों का कहना है कि उधवानी का गहन इलाज चल रहा था, लेकिन दिन प्रतिदिन उनकी हालत गंभीर होती जा रही थी। उनके शरीर के कई अंग खराब होने की वजह से अंततरू उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों की मानें तो उधवानी का इलाज अच्छा चल रहा था लेकिन उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
जस्टिस उधवानी ने सिविल जज के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी और पदोन्नति पाते हुए वे यहां तक पहुंचे थे। कोरोना महामारी शुरू होने के समय वे नियमित तौर पर हाई कोर्ट जाते थे। नवंबर में कोरोना संक्रमित होने पर उनका इलाज शुरू हुआ, लेकिन बीते शुक्रवार उनके तबीयत ज्यादा खराब हो गई और शनिवार को उनकी मौत हो गई।