नए साल में छत्तीसगढ़ भी देश के उन राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां के राशन कार्ड वाले भारत में किसी भी राज्य के राशन दुकान से राशन ले सकेंगे। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है और नए साल यानी जनवरी से काम भी शुरू हो जाएगा। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 12300 से ज्यादा राशन दुकानों को टेबलेट बांटे जाएंगे। टेबलेट बांटने और उसे पांच साल तक मेंटनेंस करने का काम टेंडर पाने वाली कंपनी करेगी। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। अफसरों के अनुसार अभी तक देश के करीब 20 राज्यों में यह योजना शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ में अभी बीपीएल और एपीएल के करीब 58 लाख राशन कार्ड संचालित हो रहे हैं। इन सभी राशन कार्डों को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। इसके लिए लोगों को कहीं भटकना नहीं होगा बल्कि राशन दुकानों में ही राशन दुकानदार उनके राशन कार्डों को आधार कार्ड से लिंक कर देंगे। इस काम में मदद के लिए टेंडर पाने वाली कंपनी के कर्मचारी भी वहां मौजूद रहेंगे। लोगों और राशन दुकानदारों की मदद के लिए खाद्य विभाग की ओर से 24 घंटे और हफ्तेभर काम करने वाला हेल्प डेस्क भी खोला जाएगा। इसके लिए एक कॉमन नंबर भी जारी किया जाएगा। किसी भी तरह की परेशानी को दूर करने के लिए इस नंबर पर कॉल किया जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी निरंजन दास ने बताया कि वन नेशन वन कार्ड के लिए सबसे पहले अक्टूबर 2019 में लगभग 57.60 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था। उस समय डिवाइस और काम मेंटनेंस का टेंडर 3 साल के लिए था। तकनीकी सुधार के बाद इस टेंडर में रेंटल की अवधि 5 साल कर दी गई। इस वजह से इसका बजट भी बढ़कर करीब 100 करोड़ का हो गया। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 17 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 5 साल के लिए करीब 100 करोड़ रुपए का बजट प्राप्त होगा।