रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दोपहर राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के जरिए ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस दौरान प्रदेश के पंचायती राज्य संस्थाओं में नवनिर्वाचित लगभग एक लाख 75 हजार प्रतिनिधियों के आधारभूत प्रशिक्षण के लिए 05 प्रकार के प्रशिक्षण मॉड्यूल पठन साहित्य का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जिला, जनपद तथा ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फें्रसिंग के जरिए चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने की।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों पर ग्रामीणों की प्रगति और कल्याण का महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व होता है। इसके लिए प्रदेश में नवनिर्वाचित पंचायत राज प्रतिनिधियों के आधारभूत और अभिमुखीकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायत राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के क्षमता विकास के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठाते हुए गामीणों सहित गांवों को स्वावलम्बी बनाने के लिए अपने दायित्व का बेहतर ढंग से निर्वहन करने विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ’ के उद्देश्य को साकार करने के लिए नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण अनिवार्य तथा महत्वपूर्ण है। इससे वे अपने दायित्व का निर्वहन और अधिक क्षमता के साथ सुचारू रूप से करने में सक्षम होंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के संकटकाल से निपटने के लिए शासन के साथ-साथ पंचायती राज प्रतिनिधियों ने गांव-गांव में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। गांव-गांव में स्थापित क्वारेंटाईन सेंटरों में कोरोना से प्रभावित तथा बाहर से आने वाले लोगों के भोजन-पानी तथा उनके ठहरने के लिए बेहतर इंतजाम में भी अपनी सहभागिता निभाई। इसी तरह शासन के ग्रामीण विकास संबंधी हर योजनाओं तथा कार्यक्रमों के संचालन में भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से कोरबा, बीजापुर, बालोद, गीदम-दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा), सरगुजा, पाटन-दुर्ग, जशपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा की और वहां संचालित विकास गतिविधियों की जानकारी भी ली। उन्होंने छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों में से आधे से अधिक महिलाओं के होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे राज्य में महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिए भरपूर अवसर मिलने लगा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों पर गांव के सम्पूर्ण विकास की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। वे अपने अधिकारों और दायित्वों का ग्रामीणों के हित में अधिक से अधिक उपयोग करें। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के पंचायती राज संस्थाओं में कुल एक लाख 75 हजार 488 प्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं। इनमें से 27 जिलों के 400 जिला पंचायत प्रतिनिधियों में 221 महिला तथा 179 पुरूष प्रतिनिधि शामिल हैं। इसी तरह 146 जनपद पंचायतों के 2 हजार 979 जनपद पंचायत प्रतिनिधियों में 1597 महिला तथा 1382 पुरूष प्रतिनिधि और 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों के एक लाख 72 हजार 109 ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों में 88 हजार 766 महिला तथा 83 हजार 343 पुरूष प्रतिनिधि शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रसन्ना आर. सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।