रायपुर। देश के एक हिस्से के किसानों ने जहां बीते 13 दिनों से दिल्ली के सरहदी इलाकों में डेरा डाल रखा है और केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में महिनों के राशन-पानी का इंतजाम कर रखा है, वहीं आज भारत बंद का ऐलान किया है। उनके इस भारत बंद के आह्वान पर देश के कई राज्यों की सरकारों ने समर्थन की पेशकश करते हुए आज राज्यों को बंद करने की घोषणा की है। इसका व्यापक असर छत्तीसगढ़ में भी नजर आया।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम भी राजधानी में बंद के समर्थन को ताकत देने निकल पड़े हैं। राजधानी के दोंदेखुर्द में आयोजित एक सभा में उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के हक को छिनने का कानून पारित कराया है। इस कानून को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
मरकाम का कहना है कि इस बार बंद का आह्वान कांग्रेस का नहीं, बल्कि देश के अन्नदाताओं का है, जिसे कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है। मरकाम ने कहा कि केवल भाजपा को छोड़कर देश के तमाम राजनीतिक दलों ने माना कि यह कृषि कानून देश के अन्नदाताओं के साथ अन्याय है।
पूर्व मुख्यमंत्री का पलटवार
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह कानून कांग्रेस द्वारा लाया गया था, लेकिन संसद में पारित नहीं करा पाने की वजह से तब यह बिल सामने नहीं आया, जिसका विरोध आज कांग्रेस कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने सवाल दागा कि यही कानून कांग्रेस सरकार पारित कराई होती, तब क्या कांग्रेस किसानों के समर्थन में उतरती या फिर कानूनी हथकंडा अपनाकर एक बार फिर किसानों को जेल में ठूंसने का काम करती।