एलुरु। आंध्र प्रदेश में लोग एक रहस्यमयी बीमारी से दहशत में हैं। इस बीमारी से एक की मौत हो गई और अब तक 500 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। वहीं अब जांच में पता चला है कि एलुरु शहर में पेयजल और दूध में निकेल तथा सीसा जैसे भारी तत्वों की मौजूदगी प्राथमिक रूप से रहस्यमय बीमारी का कारण है।
Officials informed lead & nickel particulate matter was found in blood samples of patients in investigation conducted by All India Institute of Medical Sciences team. Similarly, Indian Institute of Chemical Technology is also running tests & results are awaited:Andhra Pradesh CMO https://t.co/ph3MNTecHL
— ANI (@ANI) December 8, 2020
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और राज्य तथा अन्य केंद्रीय संस्थानों की विशेषज्ञ टीमों द्वारा खोजे गए कारणों के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में एम्स के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर कहा गया कि रहस्यमय बीमारी का कारण निकेल और सीसा को पाया गया है।
ये हैं बीमारी के लक्षण
इस बीमारी के चलते शनिवार रात से लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ने, बेहोश होने, घबराहट, उल्टी और पीठ दर्द जैसी समस्याएं होने लगीं। अधिकारियों के अनुसार, बीमारी की चपेट में अब तक 505 लोग आए हैं, जिनमें से 370 से अधिक लोग ठीक हो गए हैं और 120 अन्य का इलाज चल रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मरीजों के शरीर में भारी धातु तत्वों की मौजूदगी को लेकर गहन जांच करें और उपचार प्रक्रिया पर लगातार नजर रखें। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तैनात किए गए विशेषज्ञों के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को एलुरु पहुंची और नमूने लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
उपमुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) ए के के श्रीनिवास ने कहा कि बीमार हुए लोग ठीक हो रहे हैं और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि रहस्यमय बीमारी के कारणों का पूरा ब्योरा केंद्रीय एजेंसियों के रिपोर्ट सौंपने के बाद सामने आएगा। प्राथमिक तौर पर सीसा को इसका कारण पाया गया है।