नई दिल्ली। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए और इसमें कमी लाने के लिए गाड़ियों की बनावट और उसमें मिलने वाली सुविधाओं में सरकार ने कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेफ्टी को ध्यान में रखकर कई नियमों में बदलाव किये हैं। वहीं, कुछ नए नियम भी लागू किए गए हैं। मंत्रालय की नई गाइडलाइन बाइक की सवारी करने वाले लोगों के लिए जारी की है। इस गाइडलाइन में बताया गया है कि बाइक ड्राइवर के पीछे की सीट पर बैठने वाले लोगों को किन नियमों को फॉलो करना है। जानिए क्या हैं नए नियमों के बारे में।
1.बाइक की पिछली सीट पर अनिवार्य होगा हैंड होल्ड
मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार बाइक के पीछे की सीट के दोनों तरफ हैंड होल्ड जरूरी है। हैंड होल्ड पीछे बैठे सवारी की सेफ्टी के लिए है। बाइक ड्राइवर के अचानक ब्रेक मारने की स्थिति में हैंड होल्ड काफी मददगार साबित होता है। अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं होती थी। इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले कि लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा बाइक के पिछले पहिए के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वालों के कपड़े पिछले पहिए में नहीं उलझे।
2. हल्का कंटेनर लगाने के भी दिशानिर्देश
मंत्रालय ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होगा। अगर कंटेनर को पिछली सवारी के स्थान पर लगाया जाता है तो सिर्फ ड्राइवर को ही मंजूरी होगी। मतलब कोई दूसरा सवारी बाइक पर नहीं होगा। वहीं, अगर पिछली सवारी के स्थान के पीछे लगाने की स्थिति में दूसरे व्यक्ति को बाइक पर बैठने की इजाजत होगी। अगर कोई दूसरा सवारी बाइक पर बैठता है तो ये नियम उल्लंघन माना जाएगा।
3. टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन
बता दें कि हाल ही में सरकार ने टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है। इस सिस्टम में सेंसर के जरिए ड्राइवर को ये जानकारी मिल जाती है कि गाड़ी के टायर में हवा की स्थिति क्या है। इसके साथ ही मंत्रालय ने टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है। इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी। सरकार समय समय पर सड़क सुरक्षा के नियमों में बदलाव करती रहती है। बीते कुछ सालों में सड़क सुरक्षा के नियमों को सख्त करने पर जोर दिया गया है।