भारत में कोरोना की तीन वैक्सीन पर विचार किया जा रहा है। इन तीनों ने ही बीते चार दिनों में भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अपनी-अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी सेवा के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इन वैक्सीन को भारत बायोटेक, फाइजर और सीरम इंस्टिट्यूट ने विकसित किया है।
सरकार ने दी जानकारी
सरकार की तरफ से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बारे में भी जानकारी दी गई है कि कोरोना की कौन-कौन से वैक्सीन फिलहाल किस चरण में हैं। सरकार के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में कुछ और वैक्सीन लाइसेंस के लिए एप्लाई कर सकती हैं। इन वैक्सीन की दो से तीन खुराक को तीन से चार सप्ताह में दिया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव का ये भी कहना है कि वैक्सीन लेने के बाद भी कोविड-19 से बचाव के हर नियम को ऐसे ही मानना होगा जैसे वो पहले मान रहे थे। इसका सीधा सा अर्थ है कि लोगों को मास्क पहनना और दो गज की दूरी अपनाने के साथ भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक भारत में प्रति दस लाख पर आने वाले कोरोना मामलों की संख्या दुनिया में सबसे कम है। वहीं मौतों की संख्या में भी भारत सबसे नीचे है, जो काफी अच्छी बात रही है।
There are multiple vaccine candidates in different stages of development and some of them may get licensed in next few week. Vaccines require 2-3 doses, 3 to 4 weeks apart. Even after vaccination, #COVID precautions must be undertaken: Secretary, @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/ICV8rzMjtM
— PIB India (@PIB_India) December 8, 2020
विकास के चरण में ये वैक्सीन
सरकार की तरफ से आई जानकारी के मुताबिक सीरम और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की जा रही कोविडशील्ड ने इमरजेंसी सेवा में इस्तेमाल के लिए आवेदन किया है। ये फिलहाल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण में है। वहीं हैदराबाद के भारत बायोटेक और आईसीएमआर की कोवैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में है। केडिला हैल्थकेयर और भारत के बायोटेक्नॉलॉजी विभाग द्वारा विकसित की जा रही ZyCov-D वैक्सीन अभी ट्रायल के दूसरे फेज में है। रूस की स्पूतनिक डॉक्टर रेड्डी के साथ मिलकर काम कर रही है और जल्द ही इसका तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो जाएगा। NVX CoV2373 वैक्सीन को सीरम और नोवावैक्स मिलकर विकसित कर रहे हैं। अभी भारत में इसके तीसरे चरण का ट्रायल विचाराधीन है। इसके अलावा कुछ दूसरी वैक्सीन फिलहाल इस दौड़ में काफी पीछे हैं और प्री क्लीनिकल ट्रायल की तरफ हैं। इनमें हैदराबाद के बायोलॉजिकल ई लिमिटेड और अमेरिका की एमआईटी यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन है। इसके बाद पुणे के जिनेवा और अमेरिका के एचडीटी द्वारा विकसित की जा रही HGCO19 वैक्सीन है। इकसे बाद अंत में भारत बायोटेक और अमेरिका की थॉमस जैफरसन यूनिवर्सिटी की वैक्सीन शामिल है।
भारत में घटे और दुनिया के कई देशों में बढ़े मामले
इसको लेकर की गई एक प्रेस ब्रिफिंग में नीति आयोग में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सदस्य वीके पॉल ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के हर रोज आने वाले नए मामलों की संख्या लगातार घट रही है। ये इस बात को दर्शाता है कि भारत में इसकी गिरावट शुरू हो चुकी है। जबकि दुनिया के दूसरे देशों में अब भी इसके मामलों में तेजी आ रही है, जो बेहद गंभीर चिंता का विषय है। दिल्ली में भी नए मामलों में गिरावट लगातारदर्ज की जा रही है।