कांग्रेस नेताओं समेत विपक्षी दलों के नेता तीन कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बुधवार को मुलाकात करने जाने वाले हैं। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रपति से इस संबंध में कोई उम्मीद नहीं है।
बुधवार सुबह कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी कानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है। मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। इन 24 राजनैतिक दलों को एनडीए में उन सभी दलों से भी चर्चा करनी चाहिए जो किसानों के साथ हैं। नीतीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए।’ जब इस संबंध में दिग्विजय सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हां, राष्ट्रपति इस मामले में क्या कर सकते हैं?
दिग्विजय ने कहा, मोदी जी को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। ये किसानों की बात है, ऐसी जिद किसी के लिए भी सही नहीं है। तीनों कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। इस संबंध में संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाए, जो किसानों से बात करने के बाद कोई समाधान निकाले।
बता दें कि विपक्षी दलों के नेता तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन और बिल को लेकर अपनी चिंताओं से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अवगत कराएंगे। विपक्षी दलों के नेता इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की गुहार लगाएंगे। बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करने वालों में एनसीपी नेता शरद पवार, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के अलावा वामदलों के नेता शामिल होंगे।
सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि कोवड-19 प्रोटोकॉल के चलते केवल 5 नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात की अनुमति दी गई है। जबकि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले कृषि कानूनों पर चर्चा कर सामूहिक रणनीति तैयार करेंगे।
राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी क़ानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है। मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। इन 24 राजनैतिक दलों को NDA में उन सभी दलों से भी चर्चा करना चाहिए जो किसानों के साथ हैं। नितीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 9, 2020