जयपुर। शहर के मानसरोवर इलाके में 1 दिसंबर को पत्नी की गला दबाकर हत्या में फरार चल रहे पति को पुलिस ने 8 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया। वारदात के बाद आरोपी पति जयपुर में सिंधीकैंप बस स्टैंड से सीकर चला गया। वहां दो दिन बीताकर दोबारा जयपुर आ गया। फिर यहीं पब्लिक पार्क और सड़कों पर भटकते हुए फरारी काटता रहा। इस बीच पुलिस को मिली सूचना के आधार पर उसे मानसरोवर इलाके से ही धरदबोचा।
मानसरोवर एसीपी संजीव चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम कैलाशचंद शर्मा है। वह सुमेर नगर कॉलोनी में रहता है तथा सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम करता है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि गृह क्लेश की वजह से वह तंग आ गया था। ऐसे में 1 दिसंबर को देर शाम कैलाशचंद ने अपनी पत्नी मंजू (45) की गला दबाकर हत्या कर दी।
वारदात के वक्त वह घर पर अकेला था। उसके दोनों बेटे और एक बेटी घर के बाहर थी। लेकिन इसी बीच बाहर गई बेटी घर पहुंच गई। वह गेट खटखटाने लगी तब कैलाश घबरा गया। उसने आनन-फानन में पत्नी की लाश को बेड में छिपा दिया।
बच्चों के पूछने पर बताया- मैं बेहोश हो गया था, तुम्हारी मां कहीं चली गई
पूछताछ में सामने आया कि कैलाश के दरवाजा नहीं खोलने पर उसकी बेटी ने दोनों भाईयों को फोन कर घर बुलाया। तीनों बच्चों ने आसपास के लोगों की मदद ली। इस बीच, घर के अंदर कैलाश लाश को ठिकाने लगा चुका था। उसने कमरे का दरवाजा खोला तो बच्चों ने पूछा कि मां कहां है? तब कैलाश ने बताया कि अचानक तबियत बिगड़ने पर वह बेहोश हो गया। तुम्हारी मां मुझसे झगड़ा कर कुछ रुपए लेकर बाहर चली गई। फिर खुद पत्नी को तलाश करने का बहाना बनाकर तीनों बच्चों को कमरे से बाहर ले गया और वहां दरवाजे का ताला लगा दिया।
पत्नी को तलाश करने का नाटक कर सिंधीकैंप पहुंचा, वहां से फरार
थानाप्रभारी दिलीप सोनी ने बताया कि कैलाशचंद अपने बेटों को लेकर पत्नी मंजू को तलाश करने का नाटक कर सिंधीकैंप बस स्टैंड पहुंचा। वहां मौका पाकर एक बस में बैठकर सीकर चला गया। दूसरी तरफ, पिता के गायब होने पर बच्चों को शक हुआ। तब उन्होंने कमरे का ताला तोड़कर बेड उठाकर देखा तो उसमें मां मंजू देवी की लाश नजर आई।
इसके बाद कैलाश के बेटे ने मां की हत्या के बारे में मानसरोवर थाना पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस कैलाशचंद की तलाश में जुट गई। बताया जा रहा है कि इससे पहले परेशान होकर कैलाशचंद ने खुद ही कीटनाशक पीकर खुदकुशी की कोशिश की थी। लेकिन पत्नी ने उसे रोक दिया था। इस वारदात के खुलासे में मानसरोवर थाने के हैडकांस्टेबल हरिओम चौधरी ने अहम रोल निभाया।