नई दिल्ली। दुनिया के 10 सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देशों में भारत भी शामिल है। सौभाग्य से इस सूची में भारत और अर्जेंटीना ही दो ऐसे देश हैं, जहां अब तक कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नहीं आई है। बाकी आठ देशों में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर आ चुकी है। जिन देशों में संक्रमितों की संख्या ज्यादा होती है, वहां महामारी की दूसरी और तीसरी लहर का आना अप्रत्याशित नहीं होता। ऐसे में हमें अधिक सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि दूसरी लहर का खतरा बरकरार है।
अमेरिका में तीसरी लहर : विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश अमेरिका में इस समय महामारी की तीसरी लहर जारी है। यहां कोरोना की पहली लहर अप्रैल के दूसरे सप्ताह में, जबकि दूसरी जुलाई के तीसरे सप्ताह में पीक पर पहुंची थी। इसके बाद सितंबर तक वहां दैनिक मामलों में गिरावट आती रही। बाद में एक बार फिर वहां तेजी से मामले बढ़ने लगे। फिलहाल अमेरिका में रोजाना एक लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं।
देर से पीक पर पहुंची पहली लहर : भारत, अर्जेंटीन व पोलैंड में संक्रमण की पहली लहर दूसरे देशों के मुकाबले देर से पीक (शीर्ष) पर पहुंची। भारत में यह लहर सितंबर के मध्य में पहुंची, जबकि अर्जेंटीना में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में। पोलैंड में कोरोना लहर नवंबर के पहले सप्ताह में पीक पर पहुंची। बाकी देशों में कोरोना की पहली लहर अगस्त तक पीक पर पहुंच चुकी थी।
15 में पोलैंड तीसरा : दुनिया के 15 सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देशों में पोलैंड तीसरा ऐसा राष्ट्र है, जहां अब तक दूसरी लहर नहीं आई है। ये वे देश हैं, जहां संक्रमितों की संख्या 10 लाख और उससे ज्यादा है।
दूसरी लहर ज्यादा घातक : दुनिया के 15 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में जहां कोरोना की कई लहर आ चुकी है, वहां दूसरी लहर सबसे घातक मानी गई है। उन देशों में संक्रमण दर के साथसाथ मृत्युदर में भी इजाफा हुआ है। ब्राजील इनमें अपवाद रहा, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वहां कोरोना की दूसरी लहर खत्म हुई है या नहीं।
बरतें एहतियात : देश में दैनिक कोरोना संक्रमितों की संख्या घटने और विदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू होने से ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। इससे काम बिगड़ भी सकता है। जरा सी लापरवाही से संक्रमितों की संख्या बढ़ जाएगी और दूसरी लहर के लिए द्वार खुल जाएंगे। ऐसे में हमें शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ-साथ मास्क पहनने व हाथ की लगातार सफाई की आदत को बनाए रखना है।