रायपुर। बेहतर शहरी गवर्नेंस के मामले में छत्तीसगढ़ ने एक और शानदार उपलब्धि हासिल की है। दिल्ली की प्रजा फाउंडेशन द्वारा शहरी गवर्नेस इंडेक्स-2020 की जारी की गई रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में तीसरा स्थान हासिल हुआ है। इस सूची में ओडिशा को पहला और महाराष्ट्र को दूसरा स्थान दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस उपलब्धि के लिए शहरवासियों और नगरीय प्रशासन विभाग को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
नगरीय निकायों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों और विधायी परिषदों के सशक्तिकरण के मामले में छत्तीसगढ़ को दूसरी रैंक, नागरिक सशक्तिकरण में तीसरी रैंक, ओपन डाटा पोर्टल तक नागरिकों की पहुंच के मामले में पहला स्थान, नागरिक समस्याओं के समाधान के मामले में दूसरी रैंक और करों के राजकोषीय प्रबंधन में पहली रैंक हासिल हुई है।
फाउंडेशन द्वारा पिछले तीन वर्षों में 28 राज्यों के 40 शहरों और दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में शहरी गवर्नेस सुधारों के क्षेत्र में किए गए अध्ययन के आधार पर रैंकिंग जारी की गई है। स्थानीय निकायों के सशक्तिकरण और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की स्थिति, शहरी नियोजन, भूमि-उपयोग का नियमन, आर्थिक और सामाजिक विकास की योजना, जल आपूर्ति, अग्नि सेवा, शहरी वानिकी, पर्यावरण की सुरक्षा और पारिस्थितिक पहलुओं का संवर्धन, स्थानीय शहरी निकायों के कार्यात्मक और वित्तीय सशक्तीकरण और स्थानीय शासन के लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण आदि बिन्दुओं को रैंकिंग में शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई दीदी क्लिनिक योजना जैसी अनेक योजनाएं लागू की गयी है। राज्य में नगरीय सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री मितान योजना लागू की गयी हैै, इसमें छोटे-छोटे शासकीय कार्यों जैसे मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र जैसे कार्यों के लिए शासकीय कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, बल्कि ये सेवाएं न्यूनतम शुल्क लेकर सीधे उनके घर तक पहुंचाकर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय के माध्यम से साफ-सफाई, निर्माण कार्य, स्ट्रीट लाइट, स्वच्छ पेयजल आदि समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। अब तक 14 नगर निगमों में 101 मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय संचालित किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में परंपरागत व्यावसाय करने वाले लोगों के लिए पौनी पसारी योजना प्रारंभ की गई है। घर-घर कचरा संग्रहण और इन कचरो का उपयोग खाद बनाने में किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ओडीएफ प्लस प्लस के रूप में देश में पहले स्थान पर है।
शहरी गरीब परिवारों को भी नई सरकार द्वारा उनके काबिज भूमि का पट्टा तथा वर्षों से मिले पट्टों को फ्रीहोल्ड कर मालिकाना हक दिया जा रहा है। शहरी गरीब और मजदूरों के लिए उनके चौखट पर ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नए कलेवर में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना संचालित की जा रही है। प्रथम चरण में सभी 14 नगर निगमों में 70 मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेंस के जरिए डॉक्टर का दल अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। इस योजना में आम नागरिकों को मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मेडिकल कैंप के माध्यम से मुफ्त में परामर्श, उपचार, दवाइयां एवं दैनंदिन होने वाले टेस्ट की सुविधा प्रदान की जा रही है।