Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: कट में वनवासियों की ढाल बन गए वनोपज : कोरोना काल में रोजगार भी दिया, आमदनी भी
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Grand News

कट में वनवासियों की ढाल बन गए वनोपज : कोरोना काल में रोजगार भी दिया, आमदनी भी

GrandNews
Last updated: 2020/12/10 at 4:52 PM
GrandNews
Share
6 Min Read
SHARE

रायपुर, 10 दिसम्बर 2020 , वनों को सहेजने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में अग्रणी है। कोरोना-काल में जहां पूरे देश में वन आधारित आर्थिक गतिविधियां ठप रहीं, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने इस दौरान अच्छी उपलब्धि हासिल की। लॉकडाउन के दौरान देशभर में हुए वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक भागीदारी रही। इससे वनवासियों को सलाना लगभग 2500 करोड़ की आय होने की संभावना है। ट्राईफेड के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में माह जुलाई तक 112 करोड़ रूपए मूल्य के 4 लाख 75 हजार क्विंटल वनोपजों का संग्रहण किया गया। जबकि कोरोना ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर रखा है, ऐसे में छत्तीसगढ़ के वनवासी वनोपजों के संग्रहण से जीवकोपार्जन के साथ-साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गतिमान बनाये हुए हैं।

- Advertisement -

- Advertisement -
Ad image
- Advertisement -

लॉकडाउन के दौरान फैक्ट्रियों के बन्द होने से देश-दुनिया में रोजगार की समस्या गहरा गयी, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस संकटकाल में भी वनवासियों को वनोपज और वनोषधि संग्रहण से रोजगार मिलता रहा। आर्थिक रूप से प्रदेश में आत्मनिर्भरता आई, साथ ही अर्थव्यवस्था के पहिये भी सुचारू रूप से चलते रहे। छत्तीसगढ़ शासन की नयी आर्थिक रणनीति वनों के जरिये वनवासियों की बड़ी जनसंख्या के जीवन में बदलाव ला रही है। राज्य में हर साल  तेंदूपत्ता संग्रहण से 12 लाख 65 हजार संग्राहक परिवारों को रोजगार मिल रहा है। राज्य शासन द्वारा तेंदूपत्ता का मूल्य बढ़ाकर अब 4000 रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है, जिससे उन्हें 649 करोड़ रुपए का सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर अब 52 कर दी है। छत्तीसगढ़ लघु वनोजपजों के संग्रहण में देश में पहले स्थान पर है। यहां इस वर्ष शुरुआती छह माह में ही लघु वनोपजों के संग्रहण का सालाना लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया। चालू वनोपज संग्रहण के दौरान राज्य में जुलाई 2020 तक 112 करोड़ रूपए की राशि के 4 लाख 75 हजार क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया। राज्य में वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए महुआ का समर्थन मूल्य 17 से बढ़ाकर 30 रूपए प्रति किलोग्राम किया गया। योजना के दायरे में लाए गए वनोपजों का कुल 930 करोड़ रुपए का व्यापार राज्य में होता है। वनोपजों की खरीदी 866 हाट बाजारों के माध्यम से की जा रही है। प्रदेश में काष्ठ कला विकास, लाख चूड़ी निर्माण, दोना-पत्तल निर्माण, औषधि प्रसंस्करण, शहर प्रसंस्करण, बेल मेटल, टेराकोटा हस्तशिल्प कार्य आदि से 10 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन हो रहा है। वन विकास निगम के जरिये बैंम्बू ट्री गार्ड निर्माण, बांस फर्नीचर निर्माण, वनौषधि बोर्ड के जरिये औषधीय पौधों का रोपण आदि से करीब 14 हजार युवकों को रोजगार दिया जा रहा है। इसी तरह सीएफटीआरआई मैसूर की सहायता से महुआ आधारित एनर्जी बार, चाकलेट, आचार, सैनेटाइजर, आंवला आधारित डिहाइड्रेटेड प्रोड्क्ट्स, इमली कैंडी, जामुन जूस, बेल शरबत, बेल मुरब्बा, चिरौंजी एवं काजू पैकेट्स आदि के उत्पादन की योजना बनाई जा रही है। इससे 5 हजार से ज्यादा परिवारों को रोजगार मिलेगा।

- Advertisement -

- Advertisement -

छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संग्रहण से वनवासियों की आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जशपुर और सरगुजा जिलों में चाय बागान से हितग्राहियों को सीधे लाभ मिल रहा है। कोविड-19 के संकट काल में 50 लाख मास्क की सिलाई से एक हजार महिलाओं को रोजगार मिला है। चालू वर्ष में लगभग 12 हजार महिलाओं को इमली के प्राथमिक प्रसंस्करण से 3 करोड़ 23 लाख रूपए की अतिरिक्त आमदनी हुई है। वनवासियों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में 10 हजार 497 वनवासियों की स्वयं की भूमि पर 18 लाख 56 हजार फलदार और लाभकारी प्रजातियों के पौधे रोपे गए। वर्ष 2020 में वनवासियों की स्वयं की भूमि पर 70 लाख 85 हजार पौधे के रोपण का लक्ष्य है। लाख उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत् 164 उत्पादन क्षेत्रों में 36 हजार मुख्य कृषकों का चयन किया गया है। लगभग 800 हितग्राहियों द्वारा हर वर्ष लगभग 12 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है।
इसके अलावा वन आधारित अन्य गतिविधियों से भी वन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर निर्मित हुए हैं। राज्य में वर्षभर में भूजल संरक्षण, बिगड़े वनों का सुधार, कूप कटाई आदि गतिविधियों से 30 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित हो रहा है। वन रोपणी, नदी तट रोपण आदि से 20 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित हो रहा है। इसी तरह कैंपा के तहत नरवा विकास कार्यक्रम से करीब 50 लाख मानव दिवस रोजगार मिलता है। आवर्ती चरई योजना, जैविक खाद उत्पादन, सीड बॉल का निर्माण आदि से 7 हजार से ज्यादा आदिवासी युवकों को रोजगार मिला है।

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article दुनियाभर में नेटफ्लिक्स पर भारत में देखी जाती हैं सबसे ज्यादा ये फिल्में…
Next Article बड़ी ख़बर : मशहूर मेकअप आर्टिस्ट को एनसीबी ने किया गिरफ्तार, कोकीन बरामद
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

Jyoti Malhotra Youtuber : पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाली Youtuber ज्योति मल्होत्रा सहित छह लोग गिरफ्तार, देश से गद्दारी करने का आरोप 
Grand News May 17, 2025
CG NEWS : स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम, छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण
Grand News May 17, 2025
Breaking news: 20 साल से फरार हत्या के दोषी को चक्रधरनगर पुलिस ने दबोचा, बड़ी सफलता
Breaking News Grand News छत्तीसगढ़ रायगढ़ May 17, 2025
RAIPUR NEWS : अतिक्रमण हटाने को लेकर जमकर विवाद, महिला के खिलाफ FIR दर्ज 
Grand News May 17, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?