नयी दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 16वां दिन है। सरकार से बात नहीं बनते देख किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। वे अब देशभर में ट्रेनें रोकने का ऐलान कर चुके हैं। उधर, पंजाब के अलग-अलग इलाकों से 30 हजार और किसान दिल्ली आ रहे हैं।
‘सरकार कानून वापस ले, हम घर चले जाएंगे’
किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि कानून रद्द करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ, इसलिए जल्द ट्रेनें रोकने की तारीख का ऐलान करेंगे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और किसान दोनों को पीछे हटना होगा। सरकार कानून वापस ले तो किसान अपने घरों को चले जाएंगे।
मोदी की अपील- मेरे मंत्रियों की बात जरूर सुनें
किसानों की मांगों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मोदी ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर कहा है कि इसे जरूर सुनें।
आंदोलन के बीच कोरोना का खतरा
किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर ड्यूटी देने वाले 2 IPS अफसर कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इनमें एक DCP और एक एडिशनल DCP शामिल हैं। इन्हें होम आइसोलेट कर दिया गया है।
रेलवे ने पंजाब जाने वाली 4 ट्रेनें रद्द कीं
किसान आंदोलन के चलते रेलवे ने ट्रेनें कैंसिल करने का फैसला लिया है। आज सियालदह-अमृतसर और डिब्रूगढ़-अमृतसर ट्रेनें रद्द की गई हैं। 13 दिसंबर को अमृतसर-सियालदह और अमृतसर-डिब्रूगढ़ ट्रेनें कैंसिल की गई हैं।
‘भगवान जाने कब हल निकलेगा’
किसान नेता शिवकुमार कक्का से पूछा गया कि हल कब निकलेगा तो उन्होंने कहा, “भगवान जाने कब ऐसा होगा। सर्दी और कोरोना के चलते हमें काफी दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे।
कृषि मंत्री बोले- सरकार सुधार के लिए तैयार, किसान फैसला नहीं कर पा रहे
केंद्र ने किसानों को साफ संकेत दे दिए हैं कि कृषि कानूनों की वापसी मुश्किल है। अगर कोई चिंता है तो सरकार बातचीत और सुधार के लिए हमेशा तैयार है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसानों से कई दौर की बातचीत की। उनके हर सवाल का जवाब लिखित में भी दिया, लेकिन किसान अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं और ये चिंता की बात है।
सरकार और किसान बातचीत को राजी, दोनों को पहल का इंतजार
दोनों पक्षों को एक-दूसरे की पहल का इंतजार है। कृषि मंत्री ने कहा कि जब बातचीत हो रही है तो आंदोलन को बढ़ाने का ऐलान ठीक नहीं। उधर, किसानों का कहना है कि बातचीत का रास्ता बंद नहीं किया है, सरकार के दूसरे प्रपोजल पर विचार करेंगे।