छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर में नक्सलियों से मुकाबले के लिए केंद्र सरकार को नए प्रस्ताव भेजकर मदद की मांग की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन प्रस्तावों को मंजूरी देने का अनुरोध करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। छत्तीसगढ़ ने केंद्र सरकार को जो प्रस्ताव भेजे हैं, उनमें विशेष केन्द्रीय सहायता योजना (Special Central Assistance Scheme) को निरंतर जारी रखने की बात है। इसके साथ ही संभाग में 1028 मोबाइल टॉवरों लगाने, Special Striking Force ब्लैक पैंथर की तैनाती के लिए एक इंडिया रिजर्व बटालियन के गठन को स्वीकृति देने की मांग है।
ब्लैक पैंथर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में स्थानीय युवाओं की भर्ती से बना का एक विशेष कमांडो दस्ता है। इसे माओवादियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। राज्य सरकार ने नक्सल विरोधी अभियानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए NTRO UAV में लगे कैमरों का Resolution बढ़ाने का भी प्रस्ताव भेजा है। सुरक्षाबलों की शिकायत रहती है कि कैमरों के कम Resolution की वजह से घने जंगलों में तस्वीरें साफ नहीं मिलतीं। ऐसे में अभियान में दिक्कत पेश आती है।
सरकार ने केके लाइन पर रेलवे संपत्ति एवं दोहरीकरण कार्य की सुरक्षा के लिए बस्तर जिले के कुमारसाडरा और दंतेवाड़ा जिले के कामालूर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल सिक्यूरिटी फोर्स (RPSF) की तैनाती का भी प्रस्ताव दिया है।
नए बैंक खोलने का भी प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने लिखा है, नक्सल प्रभावित क्षेत्राें में विशेष अभियान के तहत 31 अक्टूबर 2020 तक 141 नई शाखाएं और ATM खोले गए हैं। बैंकों ने अभी 9 स्थानों पर बैंक शाखाएं नहीं खोली हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को बैंकों को निर्देशित करने की मांग की है।
इस्पात संयंत्रों के लिए मांगी जंगल की जमीन
मुख्यमंत्री ने लिखा है, NMDC को लौह अयस्क की कीमत कम करने आयरन ओर आबंटित करने हेतु खनिज संसाधन विभाग, NMDC एवं SIBP द्वारा संयुक्त रूप से नवीन नीति पर विचार किया जाना अपेक्षित है। बस्तर अंचलों में स्टील संयंत्रों की स्थापना वन भूमि पर ही किया जाना संभव है। वन भूमि के समय सीमा में डायवर्सन किए जाने हेतु भी केन्द्र सरकार से निर्देश मांगा गया है।
स्थानीय उद्यमों के लिए मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने बस्तर के स्थानीय उद्यमों के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का सहयोग मांगा है। उन्होंने, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बैंगलोर को बस्तर संभाग से Integrated Scheme for Development of Silk Industry ( ISDSI) के तहत कुल राशि 1032 लाख 54 हजार रुपए के प्रस्ताव की याद दिलाई है जो केंद्र सरकार के पास लंबित है।
वहीं मां दंतेश्वरी प्रोसेसिंग प्लांट के लिए केंद्र का प्रस्तावित हिस्सा 72 करोड़ 45 लाख रुपए से बढ़ाकर 123 करोड़ 48 लाख रुपया करने का प्रस्ताव भी है। यह प्रस्ताव केंद्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय में स्वीकृति हेतु लंबित है।