राजनांदगांव। यह महज एक खबर नहीं, बल्कि संस्कारवान छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी के एक गांव की ऐसी मार्मिक हकीकत है, जो हर किसी के आंखों को नम कर देगी। महज 10 माह पहले अपनी शादी की अधूरी ख्वाहिश लेकर शहीद हुए कोबरा बटालियन के जवान पूर्णानंद की उस इच्छा को उसके बहनोई ने पूरा कर दिया।
दरअसल पूर्णानंद कोबरा बटालियन का सिपाही था। राजनांदगांव का यह जवान माओवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गया। उसने अपनी शादी के लिए कुछ अरमान संजो रखे थे। वह अपनी बारात 11 बैलगाड़ियों में निकालना चाहता था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उसकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। अब जब उसकी शहादत के 11 माह बाद उसकी बहन की शादी हुई, तो उसके बहनोई को इस बात की जानकारी मिली।
चौंकाने वाली बात है कि अमेरिका की एक कंपनी में सेवारत बहनोई शैलेन्द्र ने अपने शहीद साले की इस अधूरी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए तमाम शानों-शौकत को किनारे करते हुए 11 बैलगाड़ियों में ही अपनी बारात निकाली और पूर्णानंद की बहन को ब्याहने के लिए उसके घर पहुंच गया।
यह एक ऐसा मंजर था, जिसने दूल्हा बने शैलेन्द्र को पूरे गांव की आंखों का तारा बना दिया। पूरा गांव उस वक्त फफक पड़ा और शैलेन्द्र को हृदय से आशीर्वाद देने लगा।
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