कोरोना काल में आई कामों की पद्धति में बदलाव के चलते आज राज्य में ई-नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इसमें पक्षकार और अधिवक्ताओं के न्यायालय आए बिना ही मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई। जहां न्यायालय रायपुर के साथ-साथ राजिम, गरियाबंद, तिल्दा एवं देवभोग तहसील में भी इस ई-नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
कोरोना महामारी को देखते हुए न्यायालय रायपुर समेत प्रदेश के अन्य न्यायालय, तहसील में ई-नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां इसके माध्यम से न्यायालय में लंबित सिविल वाद, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, चेक बाउंस से संबंधित मामले, पारिवारिक माामले, राजीनामा योग्य आपराधिक मामलों का राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव उमेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि यह इस साल की आखिरी नेशनल लोक अदालत आयोजित थी। जिसमें वर्चुअल और भौतिक रूप दोनों रूप से उपस्थिति रही। लेकिन ज्यादातर पक्षकार और अधिवक्ता वर्चुअल माध्यम से जुड़े। जहां 32 से अधिक खंडपीठों में 11 सौ से अधिक प्रकरणों की सुनवाई की गई।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के नेतृत्व में हुए इस ई-अदालत में आए प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस बार पिछले सालों की तुलना में आपसी विवाद, घरेलू हिंसा जैसे मामले ज्यादा आए। जिसमें लॉक डाउन और कोरोना काल भी एक बड़ी वजह रही है। हालांकि ज्यादातर मामले यहां आने के बाद आपसी सहमति से ही सुलझा लिया गया।