नए साल की शुरुआत के साथ ही चेक पेमेंट से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। बैंकिंग फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक जनवरी, 2021 से चेक के पॉजिटिव पे सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने अगस्त में ही इस संबंध में घोषणा की थी।
क्या होता है पॉजिटिव पे सिस्टम
पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत किसी थर्ड पार्टी को चेक जारी करने वाले व्यक्ति को अपने बैंक को अपने चेक की जानकारी भी भेजनी होगी। इस सिस्टम से 50,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान वाले चेक को रि-कंफर्म करना होगा। इस सिस्टम के जरिए चेक के क्लियरेंस में भी कम समय लगेगा। चेक जारी करने वाले व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चेक की तारीख, लाभार्थी का नाम, प्राप्तकर्ता और पेमेंट की रकम के बारे में दोबारा जानकारी देनी होगी।
इस सिस्टम के जरिए चेक की जानकारी एसएमएस, मोबाइल एप, इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम के माध्यम से दी जा सकती है। चेक की पेमेंट करने से पहले इन जानकारियों की दोबारा जांच की जाएगी। कोई गड़बड़ी मिलने पर ‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम’ द्वारा इसे मार्क कर ड्राई बैंक (जिस बैंक में चेक पेमेंट होना है) और प्रेजेंटिंग बैंक (जिस बैंक के अकाउंट से चेक जारी हुआ है) को जानकारी दी जाएगी।
ये नियम 50 हजार रुपये और उससे ऊपर के सभी भुगतान मामलों के लिए होगा। हालांकि, इस सुविधा का लाभ उठाने का निर्णय खाताधारक के हाथ में होगा। वहीं, बैंक अगर चाहें तो पांच लाख और उससे अधिक राशि के चेक के मामले में इसे अनिवार्य कर सकता है।