राजनांदगांव जिले में भालू, बंदर, हाथी, सूअर समेत अन्य वन्यजीवों से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए टेड़ेसरा के युवा उद्यमी ने एक नया उपकरण बनाया है। इस उपकरण से गोली चलने, आतिशबाजी, आदमी की आवाज में हांका मारने, अधिक संख्या में मौजूद लोगों के शोर मचाने जैसी कई आवाजें निकलतीं हैं। दावा किया गया है कि इन आवाजों को सुनकर जंगली जानवर फसल लहलहाती खेतों के आस-पास नहीं जाएंगे। इससे फसलों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।
जाननरों से फसलों को बचाने के लिए कई किसान गैरकानूनी तरीका अपनाकर खेतों की मेड़ो पर बिजली का तार फैलाकर उसमें करेंट प्रवाहित कर देते है। इससे वन्यजीव मरते हैं। कई बार जनहानि भी होती है। चौबे ने जो उपकरण तैयार किया है, वह सोलर पावर से भी चलता है। उपकरण को एक टाइमर के जरिये सेट कर दिया जाएगा। वन्यजीव अक्सर शाम के बाद आते हैं।
इसलिए शाम के बाद अपने आप यह चालू हो जाने से यह तय समय के अनुसार आवाज निकालता रहता है। इससे वन्यजीव खेतों के पास नहीं आएंगे। बिजली चालित इस उपकरण के पास छोटा सा सोलर पैनेल भी लगा होगा, जो बिजली गुल होने की स्थिति में भी यंत्र को चालू रखेगा। इसकी कीमत आम किसानों की पहुंच में होगी।
जानवरों के आते ही शुरू हो जाएगी आवाज
उद्यमी संजय चौबे द्वारा तैयार यंत्र में खेत में जानवर के घुसते ही गोली चलने की आवाज, आदमी की आवाज और डंडे से हांकने की आवाज भी निकलने लगेगी। इससे खासकर बंदर भाग खड़े होंगे। टाइमर के कारण यह थोड़ी-थोड़ी देर में बजता रहेगा। इसके अलावा बिजली गुल होने की स्थिति में इस यंत्र के समीप छोटा सा सौर पैनेल लगा दिया जाएगा, जो 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करेगा।
टाइमर की सेटिंग ऐसी होगी कि वह थोड़ी-थोड़ी देर में बजेगा। किसानों को जानवर या बंदरों के खेतों में आने के समय का पूरा अनुमान होता है। उसी के अनुसार टाइम को सेट कया जा सकता है, जिससे यंत्र आटोमैटिक बजता रहेगा और जानवर खेत में नहीं आएंगे।
इस प्रकार ख्याल आया यंत्र बनाने का
संजय चौबे की एक फैक्ट्री टेड़ेसरा में है, जहां सुबह से लेकर शाम तक भारी संख्या में मौजूद बंदर वहां काम कर रहे कर्मचारियों को परेशान करती थी। साथ ही वे नुकसान भी करते थे। इसे देखते हुए बंदरों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचाते का निर्णय लेते हुए ख्याल आया कि क्यों न एक ऐसा उपकरण बनाया जाए, जिससे बंदर फैक्ट्री के आसपास न फटकें। यही सोच उनके काम आई और यंत्र तैयार हो गया। अगर कोई जीव अथवा मवेशी तार से टकरा भी गया तो सिर्फ आवाज आएगी। इससे किसी भी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं होगा।
संजय चौबे ने बताया कि खेतों और फैक्ट्रियों में इस यंत्र को लगाने के बाद सभी को राहत मिल सकती है। साथ ही जानवरों की रक्षा भी की जा सकेगी। इसकी लागत भी नाममात्र आने से हर कोई आसानी से लगाने में सक्षम होगा।